आप पहले ये विडियो देखिये
ये सब देखने के बाद अगर आपको कुछ भी महसूस नहीं हुआ है तो ये पढ़िए
मरकुस 9 : 35
तब उसने बैठकर बारहों को बुलाया, और उनसे कहा, “यदि कोई बड़ा होना चाहे, तो सबसे छोटा और सब का सेवक बने।”
यीशु मसीही ये बाते किसे कह रहे है अपने 12 चेलो को और क्यों कह रहे है, क्योकि मरकुस अध्याय 8 से कर अध्याय 11 तक यीशु अपने चेलो को बता रहे है कि बहुत जल्द "मुझे पकडवाया जायेगा और मुझे मार दिया जायेगा" और एक बहुत बड़ा कलेश तुम लोगो पर आने वाला है, लेकिन चेलो का ध्यान उस आने वाली विपदा पर नहीं है
चेलो का ध्यान है अपने को बड़ा बनाने पर , चेलो के अंदर आदर पाने की होड़ लग गई है कि कौन यीशु मसीही का ज्यादा प्रिय है, कौन चेलो में बड़ा है कौन यीशु के राजा बनने पर उसके दाएं और बाये बेठेगा?
मरकुस 10: 35- 37
35 तब जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, “हे गुरु, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से माँगे, वही तू हमारे लिये करे।”
36 उसने उनसे कहा, “तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूँ?”
37 उन्होंने उससे कहा, “हमें यह दे, कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दाहिने और दूसरा तेरे बाएँ बैठे।”
ये काम कोई आम आदमी नहीं कर रहे थे, ये आदर पाने की होड़ यीशु के चेलो में लगी हुई थी ,
याद रखिये, जब भारी कलेश नजदीक होगा तब विश्वासीयो में आदर पाने की होड़ बढ जाएगी, मेरी मिन्स्ट्री बड़ी है , मेरा पास्टर बेस्ट है मेरा चर्च बेस्ट है और न जाने क्या क्या?
और उससे भी बड़ी बात, ये सब यीशु मसीही की महिमा को छिनने का काम किया जा रहा है
यीशु मसीह ने कभी भी पिता परमेश्वर की महिमा को खुद पे लेने की गुस्ताखी नहीं की जबकि पिता परमेश्वर और यीशु मसीही दोनों एक ही थे फिर यीशु ने हर बार ये ही कहा
युहन्न 14:10
ये बातें जो मैं तुम से कहता हूँ, अपनी ओर से नहीं कहता, परन्तु पिता मुझ में रहकर अपने काम करता है।"
और ये पाम Sunday के नाम पर जो यीशु मसीही की महिमा को छिनने का काम किया जा रहा है ये लोग नहीं जानते कि यीशु मसीही के लिए ये जो आदर लोगो दुवारा प्रकट किया गया था ये सिर्फ लोगो का प्यार मात्र नहीं था बल्कि ये वो भविष्यवाणी थी जो यशायाह 6:7 में और जकरियाह 9 : 9 में की गई थी
हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन् गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा।
अब आप मुझे बताइए क्या इस पृथ्वी पर किसी में इतनी हिम्मत है जो यीशु मसीही की इस भाविश्वानी की गई महिमा को छीन सके, क्या इस पृत्वी पर कोई है जो इस महा आदर के योग्य है?, मुझे तो नहीं लगता!!!!
और जो भी ऐसा कर रहे है और करने में साथ दे रहे है, वो सब परमेश्वर के क्रोध को देखेंगे
ऐसो से सावधान रहे सतर्क रहे सुरक्षित रहे,
God bless you stay tuned stay blessed
Read it in English
After seeing all this, if you don't feel anything, then read this:
Mark 9:35
Then he sat down and called the twelve, and he said to them, "If anyone would be first, he must be last of all and servant of all."
Who is Jesus Christ addressing with these words to his 12 disciples and why is he saying this? Because from Mark chapter 8 to chapter 11, Jesus is telling his disciples that very soon "I will be betrayed and killed," and a great ordeal is coming upon you, but the disciples' attention is not on the impending danger.
The disciples' focus is on making themselves great; a competition has arisen among the disciples as to who is more beloved to Jesus, who is greater among the disciples, who will sit at the right and left of Jesus when he becomes king?
Mark 10:35-37
35 And James and John, the sons of Zebedee, came up to him and said to him, “Teacher, we want you to do for us whatever we ask of you.” 36 And he said to them, “What do you want me to do for you?” 37 And they said to him, “Grant us to sit, one at your right hand and one at your left, in your glory.”
These are not ordinary actions; this competition to be respected was prevalent among Jesus' disciples.
Remember, when great tribulation draws near, the competition for respect among believers will increase. My ministry is great, my pastor is the best, my church is the best, and who knows what else?
These pastors are blaspheming even the cross of Jesus Christ; hanging Jesus Christ's cross around their private parts doesn't make any sense, especially when they already have a cross hanging around their necks. I'm telling you, these churches are being controlled by the secret society Illuminati.
And even more significant, the work being done under the name of Sunday is robbing the glory of Jesus Christ. These people don't realize that the respect shown for Jesus was not just people's love but it was the fulfillment of the prophecy given in Isaiah 6:7 and Zechariah 9:9.
"Rejoice greatly, O daughter of Zion! Shout aloud, O daughter of Jerusalem! Behold, your king is coming to you; righteous and having salvation is he, humble and mounted on a donkey, on a colt, the foal of a donkey."
In Psalm 118:26 it is written, "Blessed is he who comes in the name of the Lord! We have blessed you from the house of the Lord."
Now tell me, is there anyone on this earth who dares to steal the glory of Jesus Christ given in this prophecy? Is there anyone on this earth worthy of this great respect? I don't think so!!!!
And whoever is doing such things and supporting them will face the wrath of God.
Therefore, be cautious, be vigilant, be safe.
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धन्यवाद!
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