हम देख सकते है कि , वो लोग टेक्नोलॉजी में कितने ज्यादा उन्नत थे
इन सब को देखकर आज के पुरातत्व वज्ञानिक चोंक जाते है क्योकि वो भी नहीं जानते की ये सब कैसे किया
गया होगा ?
इस समय काल को Antediluvian period या पुर्व्प्रलय काल भी कहा जाता है , दोस्तों नुह के जल परलय से पहले की दुनिया कैसी थी ?, इस लेख में जानेगे और आप ये सब बाते जान कर हैरान हो जायेंगे, क्योकि ये सब बाते आपको सुनने में एसी
लगेंगी की आप कोई desney या marvel की हॉलीवुड मूवी देख रहे है , नुह के जल प्रलय
से पहले की दुनिया आपको एक काल्पनिक
दुनिया लग सकती है लेकिन ये सब सच में था और वास्तविक था
और इन सब बातो को हम , बाइबिल , और दुसरे पुराने litrature और पुरातव
विज्ञानं के नजरिये से देखेंगे इस विडियो को पूरा देखना क्युकी ये विडियो आपके
सोचने और समझने का नजरिया बदल कर रख देगी
आइये सबसे पहले हम उन लोगो के बारे में जानते है जो नुह की बाढ़ के समय से पहले के लोग थे, कैसे थे वो लोग?
[उत्पत्ति
5: 3-5] में हम देखते
है
3जब आदम 130 वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही
के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा।
4 और शेत के जन्म के पश्चात् आदम 800 वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न
हुईं।
5 इस प्रकार आदम की कुल आयु 930 वर्ष की हुई, तत्पश्चात् वह मर गया।
इसका मतलब यह है कि अगर आप उस समय में
होते, तो! आप अपने पर- पर- पर- पर- पर- पर- पर दादा को देख सकते थे, उनको जान सकते थे और इसलिए उस समय के अधिकांश पोते-पोतीयो
ने शायद आदम और हव्वा की आप बीती कथाएँ सीधे उन्ही के मुंह से सुनी होंगी। फर्स्ट हैण्ड !!
मेथुशेलह, जो नूह के दादा
थे, उनकी आयु उस
समय के लोगो में सबसे अधिक थी, 969 वर्ष
की
अब बहुत से लोगो कहते है की ये सब सच नहीं हो सकता और इतना लम्बा भला
कोई कैसे जी सकता है कुछ बुद्धिजीवी कहते है की उस समय के 100 साल आज के 10 सालो
के बराबर हुआ करते थे यानिकी जब उस समय इन्सान की आयु 10 वर्ष की थी तब उसे 100
वर्ष का कहा जाता था
अब जरा आप सोचिये, महलेल और इनोक
ने 65 और 70 वर्ष की आयु
में अपने पहले पुत्रो को पाया
तो अगर 100 साल , 10 साल के बराबर
होते तो क्या 6 और 7 साल का बच्चा पिताजी
बन सकता था ? शायद नहीं
देखिये जब परमेश्वर ने आदम को बनाया
तो कहा की वह अच्छा है आदम एक परफेक्ट व्यक्ति था उस समय तक जब पाप इस दुनिया में
नहीं आया था और इसी तरह से हव्वा को भी परफेक्ट बनाया था, उनका DNA बिलकुल परफेक्ट
था सम्पूर्ण मानव इन्सान
आपके पर पर पर पर पर पर पर दादा -दादी
फेर्फेक्ट इन्सान थे ,
आदम और हव्वा कई सालो तक
उस वाटिका में रहे होंगे शायद 100
सालो तक , क्यकी आदम उस समय 130 वर्ष का
था जब उसके यहाँ शेत का जन्म हुआ था
लेकिन जब पाप दुनिया में आया तब सब
कुछ बदल गया
अविकृतियाँ मानवजाति के डीएनए में आ गई , अगर आप ध्यान से देखे इन हजारो
सालो में हम इन्सान पहले के मुकाबले जल्दी मर रहे है
हम लोग और अच्छे से विकसित नहीं हो
रहे है जैसा की evolutionकारी बताते है कि मानव जाती विकसित होती आ रही है ये बस
एक झूठ है सच्चाई ये है की हमारे DNA विकृत होते जा रहे है पाप की मजदूरी के कारन
, पहले के मुकाबले हमारी आयुकाल घट रही है पहले ज़माने के लोग ज्यादा वर्षो तक जिया
करते थे
पहले दो व्यक्तियों को जब बनया गया था
तब वे परफेक्ट थे , परमेश्वर ने जो कुछ बनया था वह अच्छा था उत्पति 1:31
तब परमेश्वर ने जो कुछ
बनाया था, सबको देखा, तो क्या देखा, कि वह बहुत ही अच्छा है।
इसका मतलब है की उनके geans बिलकुल परफेक्ट थे
उनमे कोई भी कमी नहीं थी
लेकिन जब पाप दुनिया में आया, आदम और
हव्वा के दुवारा (उत्पत्ति 3:6)
तब परमेश्वर ने इस दुनिया को शार्प
दिया और ये सृष्टी बिगडनी शुरू हो गई और फिर उनको मोत और पतन का सामना करना पड़ा
रोमियो 8:22 - क्योंकि हम जानते हैं, कि सारी सृष्टि अब तक मिलकर कराहती और पीड़ाओं में पड़ी
तड़पती है।
बहुत लम्बे समय तक इस विकृति का परिणाम ये हुआ की इसने सभी
जीवित प्राणियों के DNA के अंदर त्रुटिया उत्पन्न कर दी है
देखिये शुरुवाती DNA बहुत ही अच्छा था जब आदम और हव्वा के
बच्चे उत्पन हुए जब शेत और उसके भाई बहन हुए और जब केन ने अपने लिय पत्नी ब्याह ली
तब का DNA एकदम perfect qulity का था , उसमे कोई भी जैविक कमी नहीं थी और उस समय मानव जाती को आज्ञा मिली थी की वे
फले फुले और धरती पर फेल जाये तब भाई बहनों की शादिया allowed की गई थी , क्योकि
DNA परफेक्ट था ,
लेकिन बाद में 2500 वर्षो के बाद परमेश्वर ने भाई बहन की
शादी को रोक दिया था , क्यकी इतने लम्बे समय में DNA के अंदर त्रुटिया बढती चली गई थी और
तब परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा दी थी कि इजराइली भाई बहन आपस में शादी नहीं कर सकते
अभी हम वापस जल प्रलय से पहले के समय में चलते है , परलय के
समय से पहेले के लोग मजबूत और परफेक्ट स्त्री और पुरुष थे और वो सेकड़ो वर्षो तक
जिया करते थे ,
वो लोग बहुत ही क्रूर और दुष्ट संसार में रहा करते थे, बहुत से ऐसे जीवाश्म थे
जो आज लुप्त हो गए है , उस समय शेर , भालू , राक्षस और ड्रैगन्स जिनको बाइबिल में उनको
बताया गया है हुआ करते थे
वो एक ऐसी दुष्टताभरी
दुनिया थी जब नेफेलिमस इस संसार पर
राज किया करते थे वो एक अनेतिकता से भरी दुनिया हुआ करती थी जहा पर शूरवीर, दानव, और राक्षस मनमानी किया
करते थे
बाइबिल बताती है की शैतान ओर उसके साथ गिराए हुए दूत आये और
उन्होंने मनुष्य की स्त्रियों के साथ सम्बन्ध बनाये और एक एसी भ्रस्त जाती उत्पन
की जो नेफेलिम्स कहलाती है जो इन्सान और
गिराए दूतो के अप्राकृतिक मेल से पैदा हुए थे और ये नेफेल्म्स जाति के जीव बहत ही
दुष्ट, खूखार, भयानक और कद में बेहद विशाल प्राणी थे
आपको इस दुनिया में survive करने के लिय एक strong व्यक्ति
होने की जरुरत थी ये सच में एक बहुत हु बुरी दुनिया थी एक बहुत ही शैतानी संसार था
मनुष्य समय के साथ साथ
और भी दुष्ट बनता चला गया था इसीलिए उत्पत्ति 6 : 5 में लिखा है
यहोवा ने देखा कि
मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है,
और उनके मन के विचार में
जो कुछ उत्पन्न होता है
वह निरन्तर बुरा ही
होता है।
अब जरा आप कल्पना कर के देखिये की एक धर्मी व्यक्ति के लिय
इस शैतानी क्रूर दुष्ट और अभद्र अनेतिक दुनिया में रहना कितना मुश्किल काम होगा ?
जो परमेश्वर की स्तुति आराधना करना चाहता हो और धार्मिकता के साथ अपना जीवन व्यापन
करता हो ,
आपको शायद अपने और
अपने परिवार के सदस्यों के लिय एक सुरक्षित शिविर कैंप बनाना पड़ता और समय के साथ
साथ खासकर जब आप सेकड़ो सालो तक जीवित रहते हो तब आपको अपनी खुद की एक जाति या
कबीला स्थापित करना पड़ जाता
और कल्पना कीजिये की जो जानकारी अपने इसं सेकड़ो सालो में हासिल
की थी –
मेरे कहने का मतलब है की जब लोग 50-60-70 साल के हो जाते है
हम उनके अनुभवों को सुनना पसंद करते है क्युकी उन्होंने समय के साथ बहुत जी नॉलेज
हासिल की होती है
अब सोच के देखिये उन लोगो के बारे में जिनकी उम्र 700 – 800 –
900 साल की हो ,
हम देख सकते है कैन को , कैसे उसने शहर के शहर बसाये , उत्पति
4:16
“तब कैन यहोवा के सम्मुख से निकल गया और नोद नामक देश में, जो अदन के पूर्व की ओर है, रहने लगा।“
जब कैन अपनी पत्नी के पास गया तब वह गर्भवती हुई और हनोक को
जन्म दिया; फिर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का
नाम अपने पुत्र के नाम पर हनोक रखा”
आप देख सकते है की उसने पूरा शहर ही develop कर लिया था
अब देखिये बाइबिल सिर्फ मुख्य वंशावली के परिवार tree की ही
व्याख्या करती है सिर्फ उनकी जो सबसे पहेले जन्मे पुत्र थे पर बाइबिल उन सभी के
बारे में नहीं बताती जो उस समय जन्मे थे और ना ही ये संभव के सबके बारे में बता
पाना, मेरा मानना है की उस समय बहुत बहुत
ज्यादा लोग हुआ करते थे इतने की आज आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते है , सोच के देखिये
आपके 900 सालो में कितने बच्चे हो सकते है ?
genese book of records के अनुसार सबसे ज्यादा बच्चे पैदा
करने वाली महिला ने 69 बच्चो को जन्म दिया है 1707 से 1782 तक , रूस के Feodor
vassilyev की पत्नी ने 16 जुड़वाँ , 7 तीन जुड़वाँ और 4 चार जुड़वाँ बच्चो को जन्म
दिया , अब आप जरा कल्पना कीजिये कि आप उस समय कितने बच्चो को जन्म देते जिस समय
स्त्री और पुरुष के geans एकदम परफेक्ट थे जिनमे कोई भी कमी नहीं थी
और आप 900 सालो तक जीवित रहते तब सोच से भी परे की बात है ,
आपके के पास उस समय बहुत सरे बच्चे होते जिनसे आप अपनी खुद की जाति और काबिले और शहर शुरू कर सकते थे ,और एसा ही कुछ केन ने
किया था और ऐसा ही सब उसके दुसरे बच्चो के साथ भी था
और हम देख सकते है की कितने उन्नत technology उन लोगो ने
विकसित कर ली थी उत्पति 4:17,18 ,19
17 जब कैन अपनी पत्नी के पास गया तब वह गर्भवती हुई और हनोक को जन्म
दिया; फिर कैन ने एक नगर बसाया और उस नगर का
नाम अपने पुत्र के नाम पर हनोक रखा।
18 हनोक से ईराद उत्पन्न हुआ, और ईराद से महूयाएल उत्पन्न हुआ और महूयाएल से मतूशाएल, और मतूशाएल से लेमेक उत्पन्न हुआ।
19 लेमेक ने दो स्त्रियाँ ब्याह लीं:
जिनमें से एक का नाम आदा और दूसरी का सिल्ला है।
तो ये सब बताता है की एक आदमी के कितने सारी संताने हो सकती
है क्युकी उनमे से बहुतो की एक से ज्यादा पन्तिया भी थी 20,21 वचन में लिखा है
आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह उन लोगों का पिता था जो तम्बूओं में
रहते थे और पशुओं का पालन करके जीवन निर्वाह करते थे।
21 उसके भाई का नाम यूबाल था : वह उन
लोगों का पिता था जो वीणा और बाँसुरी बजाते थे।
तो वो कोई बेवकूफ या मुर्ख लोग नहीं थे जोकी वानरों की तरह गुफा में रहते थे ,
evloutionकारी सिर्फ इस बारे में भी झूठ ही नहीं बोलते है बल्कि और भी बहुत सी
बातो में झूठ बालते है और वे कभी भी सामने आकर ये नहीं कहेंगे की हा हमने इस बारे
में झूठ फैलाया है उनको झूठ बस तभी पकड़ा
जा जाता है जब वे एक इन्सान के जबड़े को एक चिम्पंग्य के जबड़े से मिलाकर मनगडत
evolution की कहानिया पेश करते है और लाखो डॉलर खर्च करके manuplated documentry
चलाते है
परमेश्वर कहते है की उसने अपने स्वरुप में इन्सान को बनाया था अगर आप
एक आदिमानव थे और बंदरो से विकसति होकर इन्सान बने हो , तब आपके जीवन का कोई भी
खास मकसद नहीं है , बिलकुल भी नहीं है
आप बस इस ब्रह्माण्ड की इस छोटी सी पृथ्वी एक अस्थाई दुनिया में इतने
लम्बे समय तक जीते हो और फिर मर जाते हो thats it
..........................................................................................................
उत्पति 1; 27 बताता है
तब परमेश्वर ने अपने स्वरूप में मनुष्य को रचा,
अपने ही स्वरूप में परमेश्वर ने मनुष्य की रचना की;
पुरुष और स्त्री के रूप में उसने
मनुष्यों की सृष्टि की। §
evolutionकारी कहते है आप by chance अस्तितिव में आ गए हो –
राईट ?
कुछ रासायनिक मिश्रण से एक
सयोजन तयार हुआ और लाखो सालो के बाद धीरे धीरे . इस मिश्रण से आप आदिमानव
बने और फिर और अच्छे अदिमानव बने और फिर लाखो सालो के बाद उत्क्रिस्ट इन्सान बनने लगे
लेकिन इश्वर कहता है मेने तुम्हे अपने स्वरुप में बनया
है वो हमसे प्यार करता है उसने हमारे लिय
एक उद्देश्य रखा है, हम बस ऐसे ही किसी
गलती से नहीं आये है
जब शैतान के दूत ये देखते होंगे की इन्सान कैसे evolution के
झूठ में फसा हुआ है तो वे सोचते होंगे की इन्सान कितना मुर्ख है , वो कहते होंगे
wow लूसिफ़ेर तुम बहुत महान हो आप झूठ के पिता हो , सच में आपका झूठ दुनिया में काम
करता है ,
आप जानते है की “ हित्त्लेर ने कहा था एक बहुत बड़ा झूठ बोला
जाये और उस झूठ को लगातार बोला जाये तो वो झूठ सच लगने लगता है “
खैर हम वापस अपने टॉपिक पर आ जाते है
उत्पति 4:19 , 20 , 21
लेमेक ने दो स्त्रियाँ ब्याह लीं: जिनमें से एक का नाम आदा और दूसरी
का सिल्ला है।
20 आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह उन
लोगों का पिता था जो तम्बूओं में रहते थे और पशुओं का पालन करके जीवन निर्वाह करते
थे।
उसके भाई का नाम यूबाल था : वह उन लोगों का पिता था जो वीणा
और बाँसुरी बजाते थे।
तो वो कोई मुर्ख नहीं थे उनको ओजार बनाने आते थे उनको हतियार
बनाने आते थे , तकनिकी में वो उन्नत थे
22 वचन में ,
र सिल्ला ने भी तूबल-कैन नामक एक पुत्र को जन्म दिया: वह
पीतल और लोहे के सब धारवाले हथियारों का गढ़नेवाला हुआ।
तो ये बिलकुल स्पष्ट है की वो कोई आदिमानव नहीं थे वो लोग
उन्नत प्रतिभा के मालिक थे वे जानते थे की यंत्र ओजार कैसे बनये जाते थे ,
हम जानते है की आदम परमेश्वर के साथ चला करता था अदन की
वाटिका में , उसने जानवरों के नाम खुद से रखे थे वो भी सिर्फ एक दिन में ही , हम आसानी से अंदाजा लगा सकते है की परमेश्वर
ने आदम और हव्वा को बहुत सी बाते सिखाई थी जब वो उनसे मिलने आया करता था ,
औरक्या आप सोच सकते है की कैसे आदम और हव्वा ने अपने बच्चो
को, अपने पोते पोतियों को, अपने पर पर पर पर परर पोते पोतियो को कितना कुछ सिखाया होगा – बहुत कुछ !
क्योकि जरा सोचो बाढ़ आई थी नुह के समय में लेकिन नुह का पिता
उस समय जीवित था जब आदम भी जीवित हुआ करता था , तो नुह ने अपने आस आपस के लोगो से
बहुत कुछ सिखा था अपने पिता से अपने पर दादो से अपने चाचा ताऊ से मतलब की हर एक से
उसने बहुत सी अच्छी बाते सीखी थी
और बाढ़ के बाद येही बाते उसने अपने बच्चोऔर पोते पोतियो को
भी सिखाई होंगी , उत्पंती 9:28
जल-प्रलय के पश्चात् नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा।
इस प्रकार नूह की कुल आयु साढ़े नौ सौ वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया।
तो अगर हम उस समय के लोगो की जनसँख्या को देखे , यहाँ पर केन
है जो पश्चिम दिशा की और चला गया अपना पूरा एक नगर बसा लिया उसने बच्चे पैदा किये,
कबीले बसा लिए , और मुझे लगता है की उन्मसे जयदतर बुरे थे शैतानी थे और लेमेच शायद
सबसे ज्यादा बुरा था
उत्पति 4:23,24 में
लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा,
“हे आदा और हे सिल्ला मेरी सुनो;
हे लेमेक की पत्नियों, मेरी बात पर कान लगाओ:
मैंने एक पुरुष को जो मुझे चोट लगाता था,
अर्थात् एक जवान को जो मुझे घायल करता था, घात किया है।
24 जब कैन का बदला सात गुणा लिया जाएगा।
तो लेमेक का सतहत्तर गुणा लिया जाएगा।”
यहाँ पर वो सिर्फ ये
ही साबित नहीं कर रहा ह की वो केन जिसने अपने भाई हबील को मर दिया था , उससे से भी ज्यादा बुरा है बल्कि उस श्राप को भी
अपने उपर ले लेता है , सच में लेमेक एक शैतानी व्यक्ति था
और जब हम दूसरी तरफ देखते है आदम और हव्वा के दुसरे बच्चो को
सेथ के बाद, उसमे बहुत से लोगो ने परमेश्वर के पीछे चंलना चुना उसकी आराधना करना
चुना , खासकर हनोक के समय में ,
25 , 26 वचन में ,
और आदम अपनी पत्नी के पास फिर गया; और उसने एक पुत्र को जन्म दिया और
उसका नाम यह कहकर शेत रखा कि “परमेश्वर ने मेरे लिये हाबिल के बदले, जिसको कैन ने मारा था, एक और वंश प्रदान किया।” §
26 और शेत के भी एक पुत्र उत्पन्न हुआ और
उसने उसका नाम एनोश रखा। उसी समय से लोग यहोवा से प्रार्थना करने लगे।
तो यहाँ पर दो different ग्रुप्स है , बहुत से लोग है जो पाप
को चुन लेते है केन और लेमेक के वंसज
और दूसरी तरफ ऐसे भी लोग है जो परमेश्वर के पीछे चलना चुनते
है सेथ और एनोश के वंसज
इस तरह से उस समय में बहुत सरे लोग थे जो दुनिया भर में
फैलते जा रहे थे समय के साथ साथ वो बड़ते चले गए
और इन सब के साबुत हम आज भी देख सकते है
जोसेफुस लिखते है
केन सिर्फ अपने लिय पाने का स्वार्थी था वो सांसारिक चीजो और
भोग विलास में आनंदित रहता था उसकी पत्नी का नाम तिनेक था , केन उस समय मात्र 15
साल का था जब उसने अपने भाई हबील को मर दिया था और फिर उसने नगरो को बसना शुरू
किया , उसने कुल 7 महा नगर बसाये
पहले नगर का नाम उसके पुत्र के नाम पर “इनोक” था, दुसरे नगर
का नाम मोली था , और फिर लीथ , तेजे , लेसका , कलेथ और सातवे नगर का नाम था
“लेब्बाथ “
में ये नहीं कह रहा की जोसेफुस ने जो लिखा था वो 100% सही है
लेकिन ये सही में बहुत रोचक है ,और सही ये ये बहुत पुराने नगर मोजूद है , तो इनमे
से बहुत कुछ सच भी हो सकता है ,
चलिए archiology की तरफ देखते है , ये चीजे और भी
interesting होती चली जाती है , Archaelogy में आज जो हम देख सकते है की जलप्रलय
से पहले की दुनिया को बहुत से इसे पावरफुल लोग है जो इन बातो को छिपाना चाहते है
1.
THe Blacksea settlement- तुर्की
कोस्ट से 12 मील की दुरी पर , डॉ रोबर्ट डी बल्लार्ड ये वोही है जिन्होंने
टाइटैनिक की खोज की थी ये सभ्यता सतह से 300 फीट नीचे मिली थी उनको इस खोज में
बहुत से artifacts , ओजार और कलाकृतिय भी मिली थी और भी बहुत कुछ सबके के बारे में
बात करेने के लिय ज्यादा टाइम नही है
2.
Gobekli tepe – ये सबसे पुरानी और
सबसे रहस्मय सिटी है जोकि जलप्रलय से पहले समयकाल की है यह एक विशाल architecture
का एक हिस्सा है ,उन सब में सबसे पुराना
जितने भी man-made स्ट्रक्चर दुनियाभर में
पाए जाते है कुछ लोग तो यहाँ तक भी कहते है की येही वो अदन की वाटिका है जोकी 43
या उससे भी ज्यादा अलग अलग महापाषाण , 16 फीट से उचे विशाल स्तभ जोकि 5 मीटर से
ज्यादा लम्बे है
आप जानते है कि ऐसे ancient mega
structure आज के समय में भी बनाये भुत मुश्किल है जबकि आज की technology बहुत
एडवांस है
मेरा मनना है की इनमे से ज्यादातर
विशाल monoliths जिनको हिलाना और उठाकर रखना आज की तकनीक के हिसाब से भी इन्सान के बस की बात नहीं है ये काम उन
नेफिलिम्स के दुवार किया गया होगा जिनको उस समय के gaints या दानव कहा जाता है
में आपको कुछ बताना चाहता हु कुछ और
भी है जो आपको जानना चाहिए gobekli tepe आज की मॉडर्न तुर्की में पाया गया , उनको
बड़े बड़े circular structure मिले विशाल पिलर के साथ, ये पिलर्स करीब 7 से 10 टन भरी है और 18 फीट उचे
है लगभग 5 मीटर और एक के उपर एक रखे गए है
तो जरा अपने आप से पूछ कर देखिये की
उस समय में उन्होंने इन पिलर्स कैसे बनया
होगा ? कैसे वो इनको उठा कर ले गए होंगे और कैसे उन्होंने इनको तराशा होगा ?
carbon डेटिंग बताती है की ये 12000 साल
पुराने है मेरा विश्वास है की ये 6000 साल पुराने है , और इसमें एक और रोचक बात ये
है इसमें जानवरों की नकासी भी की गई है 3D में . बारीक़ से बारीक़ datailing की गई
है इंसानों के और नेफिलिम्स के चित्र बनाये हुए है ,पिलर्स के शिखर पर मुखोटे बनाये हुए है ,
में आपसे पूछता हू अपने पहले इस तरह के arteffects , 3D चहरे , पिलर्स , कहा
देखे है – सही कहा मिस्त्र में ,
बहुत से लोग और में भी यह विश्वास
करता हु की ये सब बाढ़ के समय से पहले बनाया गया था
अब जरा याद कीजिये हमने पढ़ा था की
कैसे केन ने अपनी खुद की सिटीज develop कर ली थी अपने पुत्र के नाम पर , और भी
बहुत से लोगो ने पुरे के पुरे काबिले बसा लिए थे
अगर आप भी एक एसी सुंदर अद्भुत जगह बना लेते है जेसी gobekli tepe थी जलप्रलय के
समय से पहले तो आप एसी ही और भी बना सकते थे, ये सब एक दुसरे के साथ आपस में जुड़े
है
evolutionकारी एसा विश्वास करते है की
ये समय ice age का समय था
हम जानते है की समुद्र का पानी उपर तक
भर गया था ice age के कारन नहीं बल्कि बाढ़ के कारन
और अगर आप ध्यान से इन चीजो के structure को देखेंगे तो इनको मोसम या हवा से नुकसान नहीं
पंहुचा है बल्कि पानी से ये छतिग्रस्त हुए
है
तो यहाँ पर बहुत सारे सवाल उठाते है ये
एक एसा होल create होता जाता है जिसमे सवाल पर सवाल निकलते रहते है आप सोच सकते है
की रेगिस्तान में बाढ़ केसे आ सकती है , क्या पूरी दुनिया में पानी भर सकता है – हा
हो सकता है क्योकि तब एक विशाल बाढ़ आई थी लगातार दुनिया ने बारिश बरसाने की वजह से
और बाढ़ से पहले की दुनिया एसी नहीं थी वो जगह बिलकुल अलग हुआ करती थी , दुनिया बाढ़
के बाद बदल गई थी
खेर आगे बढ़ते है ,
archaelogyst के अनुसार , हिन्दू संस्कृति ने जो आज भारत और पाकिस्तान है , ने अपनी
सभ्यता विकसित करनी शुरू करी लगभग 8००० साल पहले ,
उत्तर अमेरिका
में, क्लीवलैंड के
ह्यूबर फार्म पर चटाटा वॉल , जल-प्रलय काल से पहले की एक मोटी दीवार पाई गई थी , जो एक फुटबॉल मैदान
से तीन गुण लंबी थी। उस पर कुछ अंजान
अक्षर लिखे हुए हैं, लेकिन कोई नहीं
जानता कि इसमें क्या लिखा है। उन्हें इसलिए नहीं पता क्योंकि वह भाषा अब मौजूद
नहीं है। यह जल प्रलय काल से पहले की है।
दक्षिण अमेरिका
में तिवानाकु है , कई लोग कहते हैं कि यह एंडीज लोगो का आध्यात्मिक केंद्र था और वहा पर पुरानी संरचनाएं अब भी बची हैं। उसी के पास लेक टिटिकाका भी है। पुमा पुनकु के
खंडहर इतने प्रभावी ढंग से बनाये गए हैं
कि उनके बिच में से एक कागज भी पार नहीं हो सकता,
archelogyst को
हैरानी होती है, क्योंकि उन्हें नहीं पता कैसे यह बनाया गया
है।
ऐसे ही गेटवे ऑफ द सन
है , भारतीय कथा कहती है कि भगवान विराकोचा जल - प्रलय
के बाद, टिटिकाका झील से निकले थे ताकि सभ्यता को फिर से स्थापित किया जा सके।
जापान में स्कूबा डाइवर
द्वारा पाए गए- योनागुनी मॉन्यूमेंट पानी
के अंदर है और इनका आकार 180x150
फीट से अधिक है। किसी को नहीं
पता कि इन्हें किसने बनाया था और दुर्भाग्य की बात है कि जापान की सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
चीन में , जिंजर नदी
पर चित्रलेख पाए गए । यह चीन के युन्नान
प्रांत में है और उनके अनुसार ये 13,000 वर्ष पुराने है, इस जगह में 70 से अधिक पथरों पर चित्रलेख मिले थे।
उत्तर पश्चिम अरेबिया में मवेशी पंथ पाए गये : “ आर्मस्ट्रॉंग इंस्टीट्यूट.
आर्गेनाईजेशन “ के अनुसार, उन्होंने एतिहासिक cattle cults के हिस्से के रूप में उत्तर पश्चिम अरेबिया में
विस्तृत आयताकार पत्थर संरचनाएं पूरे क्षेत्र में बिखेरी हुई पाई । उनके अनुसार, ये सभी पत्थर और संरचनाएं, 6000 ईसा पूर्व के है , इसे विश्व के किसी भी स्थान पर पहली बड़ी मात्रा में
प्राचीन सभ्यता का हिस्सा माना गया हैं। और इसे arabic उपनिषदों में आयातित शैली के साथ अरबी प्राचीन
यात्रा के सबसे पहले सबूतों के रूप में
विशेषित किया गया। उनके अनुसार,ये सबूत दिखाते हैं कि मुस्तातिल्स
केवल मवेशियों के पंथ नहीं थे - उन्हें
धार्मिक गतिविधि में भी उपयोग किया गया था।
अब यह थोड़ा जाना पहचाना सा लगता है, नहीं ? हमने थोड़ी देर पहले इसे पढ़ा था ।
उत्पत्ति 4:19, 20
19 लेमेक ने दो स्त्रियाँ ब्याह लीं:
जिनमें से एक का नाम आदा और दूसरी का सिल्ला है।
20 आदा ने याबाल को जन्म दिया। वह उन लोगों
का पिता था जो तम्बूओं में रहते थे और पशुओं का पालन करके जीवन निर्वाह करते थे।
मे ये नहीं कह रहा हु की ये exactly याबाल के मवेशी पंथ के सबूत
अरेबिया में पाए गए है , में बस कह रहा हु की ऐसे ही कुछ सबुत वहा पर पाए गए
है समय काल भी उस समय से मेल खाता है
बाइबिल इस बारे में बात करती है की उस समय ऐसे लोग थे जिनके पास मवेशी पंथ थे
अब थोडा उस समय के संसार पर फोकस करते है मतलब की उस समय की ताकतों
पर, या सरकार पर, या अधिकारो पर,
जो की शायद आदम से शेत को दिए गए होंगे ,
वे अपने इलाके पर अधिकार करते थे , आदम के बहुत सारे बच्चे थे वे
उसका आदर करते थे वे अपने पर पर पर पर दादा को जानते थे और वे ये भी जानते थे की
आदम और हव्वा सबसे पहले इन्सान थे और संभवत: आदम ने उनको सिखाया था कैसे परमेश्वर
की worship करते है ,
लेकिन जैसे जैसे टाइम बितता चला गया लोग और अधिक दुष्ट होते चले गए
और इसीलिए आखिर ने परमेश्वर को नुह की बाद के दुवारा संसार को
नष्ट करना पड़ा क्योकि लोग उस समय जो कुछ भी सोचते थे वो सब बुरा ही सोचते
थे,
आप सोच सकते है की आदम की वंशावली में कुछ लोग ऐसे थे जो शांति चाहते
थे , परमेश्वर के धार्मिक स्त्री पुरुष बनना चाहते थे ,
और वो दुनिया बस बुरी और बुरी ही बनती जा रही थी , और वहा कुछ ऐसे
शांतिवादी लोग भी थे जो शांति स्थापित
करना चाहते थे और सत्य के साथ खड़ा रहना चाहते थे अपने अपने कबीलों के अंदर ,
इसी बीच अगर आप दुसरे इलाके देखते है तो वह पर लोग और दुष्ट ही बनते
जा रहे थे , शूरवीर , दानव, राक्षस नेफेलिम्स ये सब बहुत दुष्ट और बुरे होते जा
रहे थे , आप देखते है की शैतान के दूत धरती पर आते है और इन्सान की स्त्रियों के
साथ वो ये दानव पैदा करते है , और बहुत से पुराने लेखो में लिखा गया है की वो हद
से ज्यादा दुष्ट थे , और उनके साथ ही उस समय लोग भी बेहद बुरे हो चुके थे , लेमेक
की तरह
और लोग परमेश्वर के विरुद्ध
बागी हो चुके थे , उनमे से बहुतेरे इन शैतान के दूतो और नेफिल्म्स की देवताओ की
तरह पूजा किया करते थे ,और ये जितना बुरा हो सकता था उतना बुरा हो चूका था
उत्पत्ति 6:9 से
नूहधर्मी पुरुष और अपने
समय के लोगों में खरा था; और नूह परमेश्वर ही के
साथ-साथ चलता रहा।
और नूह से शेम, और हाम, और येपेत नामक, तीन पुत्र उत्पन्न हुए।
उस समय पृथ्वी परमेश्वर
की दृष्टि में बिगड़ गईथी, और उपद्रव से भर गई थी।
और परमेश्वर ने पृथ्वी पर
जो दृष्टि की तो क्या देखा कि वह बिगड़ी हुई है; क्योंकि सब प्राणियों ने पृथ्वी पर
अपना-अपना चाल-चलन बिगाड़ लिया था।
तब परमेश्वर ने नूह से
कहा, “सब प्राणियों के अन्त
करने का प्रश्न मेरे सामने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से
भर गई है, इसलिए मैं उनको पृथ्वी
समेत नाश कर डालूँगा।
और सुन, मैं आप पृथ्वी पर
जल-प्रलय करके सब प्राणियों को, जिनमें जीवन का श्वास है, आकाश के नीचे से नाश करने पर हूँ; और सब जो पृथ्वी पर हैं
मर जाएँगे।
परन्तु में तेरे संग मैं वाचा बाँधता हूँ; इसलिए तू अपने पुत्रों, स्त्री, और बहुओं समेत जहाज में
प्रवेश करना।
और सब जीवित प्राणियों
में से, तू एक-एक जाति के दो-दो, अर्थात् एक नर और एक मादा
जहाज में ले जाकर, अपने साथ जीवित रखना।
एक-एक जाति के पक्षी, और एक-एक जाति के पशु, और एक-एक जाति के भूमि पर
रेंगनेवाले, सब में से दो-दो तेरे पास
आएँगे, कि तू उनको जीवित रखे।
और भाँति-भाँति का भोजन पदार्थ जो खाया जाता है, उनको तू लेकर अपने पास इकट्ठा कर रखना; जो तेरे और उनके भोजन के लिये होगा।”
परमेश्वर की इस आज्ञा के अनुसार नूह
ने किया।
तो अगर evolution सही है तो सभी जानवर बस ऐसे ही evolve होकर
अस्तित्व में आ गए है और हम इन्सान भी !
या फिर उस नाव के दुवरा आये है, और नुह के दुवारा है क्योकि नुह
परमेश्वर का आज्ञाकारी था और जिसे हम सब अपना पर पर पर पर पर पर दादा कह सकते है
जानवर जो आज इस धरती पर रहते है क्या ये इस नाव में सवार हो कर आये
थे या फिर evolution से आये है ,
अगर ये नाव में से आये है तो क्या ये संभव है की नाव में इन सब जानवरों को लाया जा सकता था और फिर दय्नासोर का क्या ?? ऐसे ढेरो सवाल है जो आपके मन भी होंगे जानेगे हमारे नेक्स्ट लेख में , तब तक के लिय आप सब को जय मसीह की .
अगर आप पोस्ट में कोई गलती देखे, तो whats app करे,
धन्यवाद!