खुदा
की मोहब्बत से मामूर होकर – 2
मसीहा
उतर आया है नूर होकर – 2
खुदा
की मोहब्बत से मामूर होकर – 2
1.वो आया है अपने ही वादे की खातिर,
लिया
जन्म उसने कुंवारी से आखिर – 2
मुशीर और मालिक-ए-अब्दियत वही है,
सलामती
का भी शहजादा वही है – 2
जहां
की खुशी का ठिकाना नहीं है,
किसी
दिल में गम का तराना नहीं है – 2
खुदा
की मोहब्बत से मामूर होकर – 2
2.दोबारा वो आएगा कादिल बनेगा,
वो
गमगीन दिल को मुनावर करेगा – 2
हुजूर उसके तब शादमानी रहेगी,
खुशी
वो बड़ी आसमानी रहेगी – 2
नयी
सल्तनत का वो राजा बनेगा,
सदाकत
से तख्त को संभाले रहेगा – 2
खुदा
की मोहब्बत से मामूर होकर – 2
मसीहा
उतर आया है नूर होकर – 2
खुदा की मोहब्बत से मामूर होकर – 2
Khuda
Ki Mohabbat Se Mamur Hokar – 2
Masiha
Utar Aaya Hai Noor Hokar – 2
Khuda
Ki Mohabbat Se Mamur Hokar – 2
Liya
Janm Usne Kuwari Se Aakhir – 2
Mushir
Aur Malik-E-Abdiyat Wahi Hai,
Salamati
Ka Bhi Sahjada Wahi Hai – 2
Jahan
Ki Khushi Ka Thikana Nahi Hai,
Kisi
Dil Mein Gum Ka Tarana Nahi Hai – 2
Khuda
Ki Mohabbat Se Mamur Hokar – 2
Wo
Gamgin Dil Ko Munawar Karega – 2
Huzoor
Uske Tab Shadmani Rahegi,
Khushi
Wo Badi Aasmani Rahegi – 2
Nayi
Saltnat Ka Wo Raja Banega,
Sadaqat
Se Takht Ko Sambhale Rahega – 2
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