क्या मसीह विश्वासी फ़िल्मी गाने या सेक्युलर म्यूजिक सुन सकते है ? या सेक्युलर मूवीज या फिल्मे देख सकते है ?

  • क्या मसीह विश्वासी सांसारिक गाने या फ़िल्मी गाने या सेक्युलर म्यूजिक सुन सकते है ?
  • या सेक्युलर मूवीज या फिल्मे देख सकते है ?
  • यह एक ऐसा सवाल है जिससे लगभग हर एक मसीह विश्वासी जूझता है और यह जानना चाहता है की बाइबिल इस बारे में क्या कहती है ?
  • क्या एक इन्सान को मसीह विश्वासी बनने के बाद फ़िल्मी गाने सुनने बंद कर देने चाहिए ?
  • और सिर्फ और सिर्फ प्रभु के और worship के ही गीत सुनने और गाने चाहिए ?


देखिये जब एक non believer प्रभु यीशु पर विश्वास करना शुरू ही करता है या चर्च में जाना स्टार्ट ही करता है तो उसके साथियों / दोस्तों या पास्टर के दुवारा यह सबसे पहला restriction  लगाया जाता है कि फ़िल्मी गाने सुनना बंद कर दो, बॉलीवुड की मूवीज देखना बंद कर दो

देखो अगर फ़िल्मी गाने सुनोगे तो तुम्हारी प्रार्थनाये नहीं सुनी जाएगी !

तुम्हे कभी भी पूरी चंगाई नहीं मिल सकेगी , तुम्हे छुटकारा नहीं मिलेगा !

और तो और यहाँ तक भी बोल दिया जाता है की तुम नरक चले जाओगे and all !

 

और इन्ही सारी बातो को सुन सुनकर एक नया विश्वासी प्रभु में आगे बढ़ना शुरू हो जाता है और क्युकी वह प्रभु के प्रेम में आगे बढ़ाना चाहता है / चाहती है , तो इसी डर के साथ वह आगे बढ़ता चला जाता है और 90 % से ज्यादा विश्वासी देखे गए है कि वह इसी डर के कारण किसी दुसरे प्रकार का music सुनना और गाना बंद कर देते है और सिर्फ प्रभु और worship के ही गीत सुनते और गाते है

ऐसा  करने से इसके क्या साइड इफ़ेक्टस हो सकते है आगे विडियो में जानेगे,

आप मुझे बताइए क्या बाइबिल आपको डराने का काम करती है? क्या बाइबिल का परमेश्वर आपको डरा कर आपके ऊपर प्रभुता करना चाहता है ? क्या बाइबिल का प्रभु एक तानाशाह परमेश्वर है ? – नहीं ! मेरे दोस्तों, ऐसा बिलकुल भी नहीं है|

परमेश्वर चाहते है कि हम आशा और विश्वास से भरे रहे , दर से नहीं ! और आशा और विश्वास से भरकर अपने परमेश्वर से प्रेम करे, आशा और विश्वास से आप तभी भर सकते है -जब आप सत्य को जान जाते है|

इस लेख में आपको सिर्फ सच बताया जायेगा और सत्य आपको स्वतंत्र करेगा |


 

तो क्या एक मसीही विश्वासी फ़िल्मी गाने सुन सकता है या यह  एक पाप है ?

 इससे पहले की आप ये decide कर ले कि आपको सांसारिक या secular music सुनना चाहिए या नहीं ,

आपको music से जुडी 3 बातो को समझने की जरुरत है

1.      1. The Purpose of the Music (उस संगीत का उद्देश क्या है )

2.       2. The style of Music (संगीत की शैली क्या है?)

3.       3. The content of the Lyrics (गीत के शब्द /सामग्री क्या है?)   


देखिये बहुत से सेक्युलर सिंगर बेहद प्रभावशाली होते है और सेक्युलर music बहुत मनोरंजक भी हो सकता है, ऐसे कई सेक्युलर songs या गीत है जिनमे आकर्षित धुनें है , विचारपूर्ण गहरी सोच और  पॉजिटिव massage होते है |

 

·         तो चलिए सबसे पहले हम - The Purpose of the Music (उस संगीत का उद्देश क्या है ) को जानते है कि बाइबिल हमें संगीत के बारे में क्या बताती है ?

संगीत को परमेश्वर ने क्यों बनाया था , संगीत का उद्देश्य क्या है?

क्या संगीत को परमेश्वर ने केवल आराधना स्तुति के लिय ही बनाया है ? या फिर परमेश्वर ने संगीत को सुखदायक और मनोरंजक बनाने का फैसला किया था ?

 

बाइबिल में सबसे प्रसिद्द संगीतकार राजा दाऊद  ने no doubt!  मुख्यरूप से परमेश्वर की आराधना स्तुति करने के लिय music या संगीत का इस्तेमाल किया था, हम देख सकते है भजन सहिंता 4, 6 , 54 , 55, 61, 67, 76, and so many

 हालाँकि जब राजा शौउल को दुष्ट आत्मा सता रही थी, तो उसने उन्हें शांत करने के लिय भी दाऊद को वीणा बजने के लिय बुलाया था| (1 शमुएल 16 : 14_23 )   

“और जब-जब परमेश्वर की ओर से वह आत्मा शाऊल पर चढ़ता था, तब-तब दाऊद वीणा लेकर बजाता; और शाऊल चैन पाकर अच्छा हो जाता था, और वह दुष्ट आत्मा उसमें से हट जाता था।

और हम पुराने नियम में देखते है कि इस्रेलियो ने खतरे की चेतावनी देने के लिय संगीत का उपयोग किया था, नेहम्याह 4:20 में

“इसलिए जहाँ से नरसिंगा तुम्हें सुनाई दे, उधर ही हमारे पास इकट्ठे हो जाना। हमारा परमेश्वर हमारी ओर से लड़ेगा।

 

और इसी प्रकार न्यायीयो 7: 16-22 में हम देखते है कि अपने शत्रुओ को आश्चर्यचकित करने के लिय भी संगीत के वाद्ययंत्रो का इस्तेमाल किया गया था

और यरिहो की दीवार को इस्रेलियो ने सिर्फ musical instruments बजाकर और संगीत गाकर गिरा दिया था

और राजा सुलेमान जो अभी तक का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति था ने बाइबिल की श्रेष्ठगीत नामक पुष्तक में संगीत का इस्तेमाल स्त्री- पुरुष के बीच प्रेम प्रसंग ओ बढाने के लिय किया है   

नए नियम में भी संत पोलुस मसीहो को संगीत के साथ एक दुसरे को मोटीवेट करने का निर्देश देता है इफिसियों 5:19 में ,

और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने-अपने मन में प्रभु के सामने गाते और स्तुति करते रहो। 

इसिलिय जबकि संगीत का सबसे पहला उद्देश्य आराधना और स्तुति करना है पर बाइबिल no doubt, music या संगीत के और भी दुसरे उपयोग allowed करती है |

 

·         दूसरा हमें The style of music यानिकी संगीत की शैली क्या है ये भी समझने की जरुरत है

यह एक दुःख की बात है की music का style आज मसीही विश्वासियो के बीच में बहुत ही विभाजन का मुद्दा है , एक तरफ ऐसे भी विश्वासी है जो इस बात पर अड़े है कि आराधना स्तुति में किसी भी प्रकार के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए

और एक तरफ ऐसे विश्वासी भी है जो केवल पुराने वफादार भजन गाने की ही इच्छा रखते है  only old kawali type music.

ऐसे भी मसीही है जो अधिक motivating upbeats उत्साहित और समकालीन संगीत पसंद करते है-  contemporary music type  

और ऐसे भी मसीही है जो Rock concert type  के वातावरण में सर्वश्रेष्ठ आराधना स्तुति का दावा करते है

अब इस तरह के लोगो के मतभेद को person to person  priority और cultures different के रूप में देखने की बजाये ,ज्यादातर लोग अपने पसंद की music style को ही एकमात्र बाइबिल शैली या biblical style  घोषित कर देते है |

बहुत से विश्वासियो को मेने यह कहते हुए कई बार सुना है कि HIP-HOP type और Rap type Christian music सुनना शैतानी काम है – हा हा हा हा

 

बाइबिल कही पर भी संगीत के किसी भी style की निंदा नहीं करती है , बाइबिल कही भी किसी भी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को अधर्मी घोषित नहीं करती है बाइबिल में अनेक प्रकार के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का उल्लेख किया गया है बाइबिल specialy ड्रम इंस्ट्रूमेंट का जिक्र नहीं करती इसमें और बहुत से ताल वाले वाद्ययत्रों का उल्लेख है  , भजन सहिंता 68 : 25

गानेवाले आगे-आगे और तारवाले बाजों के बजानेवाले पीछे-पीछे गए,

चारों ओर कुमारियाँ डफ बजाती थीं।

   

एज्रा 3 : 10      -    जब राजमिस्त्रियों ने यहोवा के मन्दिर की नींव डाली, तब अपने वस्त्र पहने हुए, और तुरहियां लिये हुए याजक, और झाँझ लिये हुए आसाप के वंश के लेवीय इसलिए नियुक्त किए गए कि इस्राएलियों के राजा दाऊद की चलाई हुई रीति* के अनुसार यहोवा की स्तुति करें।

 

मॉडर्न म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स के लगभग सभी रूप पुराने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट के ही तो रूपांतरण है , संगीत की किसी भी style या शैली को अधर्मी या इश्वर की इच्छा से बाहर घोषित करने का कोई भी बाइबिल  आधार नहीं है, फिर चाहे वे old style music हो , कवाली style हो, cinematic style हो, hip hop style हो, या फिर रैप style music हो

·         और no 3 -  the content of the lyricsगीत की शब्दावली क्या है ?

अब चूँकि न तो purpose of music और style of music यह निर्धारित करता है कि एक मसीह विश्वासी को सांसारिक या सेक्युलर music सुनना चाहिए या नहीं !

लेकिन किसी भी गीत के शब्द या lyrics और content पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है | ज्यादातर फ़िल्मी या सेक्युलर गीतों में अनेतिकता और हिंसा को बढ़ावा दिया जाता है , ये गीत गली-गलोच,अश्लीलता,नग्नता और नशे को promote करते है और बहुत से गीतों में इश्वर का विरोध करने वाली चीजो का महिमा मंडन किया जाता है |

तो no doubt एक मसीह विश्वासी को ऐसे गीतों को न तो देखना चाहिए, न सुनना और न गाना चाहिए क्योकी एक व्यक्ति जो कुछ भी दिमाग पर हावी होने देता है वह देर सवेर अपनी भाषा और अपनी आदतों में शामिल कर ही लेता है,   मति 15 : 17 -18   

 "क्या तुम नहीं समझते, कि जो कुछ मुँह में जाता, वह पेट में पड़ता है, और शौच से निकल जाता है?"

    "पर जो कुछ मुँह से निकलता है, वह मन से निकलता है, और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।"

 

तो अगर हम अभद्र lyrics और content वाले गीतो को सुनते है , देखते है और गाते है तो वह हमारे subconscious mind में, हमारे मन में जाकर हमारे विचारो को गन्दा करता है और परिणाम स्वरूप वही एक न एक दिन हमारी आदतों में शामिल हो जाता है और हमारे मुहं से बाहर आने लगता है |

तो एक विश्वासी को सांसारिक या फ़िल्मी music सुनने से पहले उस music के गीत या lyrics या शब्दो पर ध्यान से विचार करना चाहिए कि जो सेक्युलर music वह सुन रहा है, वे शब्द सुनने वाले के अंदर अधर्म और अनेतिकता को तो बढ़ावा तो नहीं दे रहे है ? कहीं उस संगीत का content और सिंगर का उद्देश्य  अशुद्ध तो नहीं है |ऐसा संगीत एक मसीही विश्वासी के लिए निश्चित रूप से घातक है |

 

लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल भी नहीं है कि विश्वासी किसी भी प्रकार का सेक्युलर या फ़िल्मी या सांसारिक music नहीं सुन सकते और सिर्फ और सिर्फ प्रभु के और worship आराधना स्तुति के ही गीत सुन सकते है |संगीत मानवीय भावनाओ को प्रभावित करता है और इस बात में कोई भी संदेह नहीं है कि संगीत परमेश्वर की ही असीम रचनाओ में से एक है|

 

इससे पहले कि आप ये decide कर ले कि एक मसीह विश्वासी को किसी भी अन्य प्रकार का कोई भी संगीत नहीं सुनना चाहिए, मेरा आप से एक सवाल है –

क्या किसी सांसारिक और सेक्युलर music के बोल सच्चे , नेक , सही , शुद्ध , प्यारे ,प्रशंशनीय , उत्कृष्ट और सराहनीय नहीं हो सकते

अगर हो सकते है – तो एक मसीही विश्वासी का उस तरह के सेक्युलर music को सुनने में कुछ भी गलत नहीं है |

देखिये सीधेतौर पर संगीत के लिय तो नहीं पर फिलिप्पियो  4:8 में संत पोलुस ने जो बाते हमें बताई है वो ध्यानपूर्वक समझने पर वे बाते सेक्युलर music के बारे में हमारा मार्गदर्शन अवश्य कर सकती है 

फिलिप्पियो  4:8 में लिखा है

इसलिए, हे भाइयों, जो-जो बातें सत्य हैं, और जो-जो बातें आदरणीय हैं, और जो-जो बातें उचित हैं, और जो-जो बातें पवित्र हैं, और जो-जो बातें सुहावनी हैं, और जो-जो बातें मनभावनी हैं, अर्थात्, जो भी सद्‍गुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।

अगर हमें एसी बातो के बारे में सोचना चाहिये तो तो निश्चित रूप से ये वो बाते है जिन्हें हमें संगीत और गीतों के माध्यम से अपने दिमाग में लाना चाहिए और अगर किसी सेक्युलर म्यूजिक के गीत के बोल बोल सच्चे , नेक , सही , शुद्ध , प्यारे ,प्रशंशनीय , उत्कृष्ट और सराहनीय हो सकते है तो एक विश्वासी दुवारा उस को सुनने में कुछ भी गलत नहीं है |

ऐसे कई सेक्युलर गीत है जिनमे सीधेतौर पर इश्वर का उल्लेख नहीं है पर जो ईमानदारी , पवित्रता , और सत्यनिष्ठा जेसे ईश्वरीय मूल्यों को कायम रखते है |

और अगर कोई love song शादी -विवाह की पवित्रता को बढ़ावा देता है भले ही उस गीत में इश्वर या बाइबिल की बातो का जिक्र न हो – तो भी उसे सुना जा सकता है |

इसी प्रकार से देशभक्ति की भावना को बढाने वाले संगीत सुनना भी कोई गलत बात नहीं है क्योकि बाइबिल हमें बताती है कि देश और सारे अधिकार और राज्य परमेश्वर ही की इच्छा से निर्धारित किये गए है |

संगीत मानवीय भावनाओ को प्रभावित करता है और भावनाए इन्सान की आदतों को प्रभावित करती है और आदते इन्सान को शुद्ध या अशुद्ध कर सकती है, अगर आप अच्छा सेक्युलर music सुनते है तो वह आपकी अच्छी आदतों को विकसित करने में मदद करता है |

for ex- अगर आप जिम जाते है exercise करते है या एक sports person है तो एक अच्छा motivational सेक्युलर म्यूजिक आपको फिट रहने में हेल्प कर सकता है |और अगर आप शादीशुदा विवाहित कपल है तो एक अच्छा सेक्युलर love song आपके विवाहित जीवन में प्रेम को बढाने में नश्चित रूप से सहायता कर सकता है |

eventhough मेने बहुत से विश्वासी दंपति को सिर्फ इस बात पर लड़ते झगड़ते देखा है कि मेरा पति या मेरी पत्नी हर समय बस प्रभु के ही गीत सुनती और गाती रहती है , हमारे बीच में भक्ति की बाते तो होती है पर प्यार की बाते होती ही नहीं है  या मेरा पार्टनर मुझसे अपने प्यार को शेयर करता या करती ही नहीं है , या उनको प्यार करना ही नहीं आता हर समय बस भक्ति में ही विलीन रहता/रहती है |

 

देखिये हमारा दिमाग उसी तरह का व्यव्हार करने लग जाता है जैसा हम इसको देते है | एक विवाहित दम्पति के बीच में प्रेम प्रसंग होना परमेश्वर का सबसे बड़ा गिफ्ट है | SEx परमेश्वर ही की देंन है पमेश्वर ही ने इस योजना को मानव शरीर में लागू किया है , ये सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिय ही नहीं बनाया गया है परन्तु परमेश्वर की इच्छा है कि पति और पत्नी एक तन होकर एक दुसरे से प्रेम करे | श्रेष्ठ्गीत अध्याय 2 और अध्याय 4 में, इस रिलेशनशिप को पूरी डिटेल में गीतों के रूप में लिखा गया है |

अब ज्यादातर विश्वासी कपल्स में प्रेम सम्बन्ध इसलिए सही नहीं हो पाते क्योकि उनको बचपन से ही प्रेम गीत /love songs सुनने से मना किया गया था और शादी के बाद भी वे अच्छे love songs सुनना ही नहीं चाहते| जिस वजह से उनके अच्छे प्रेम संबंध बनते ही नहीं है और बहुत से विश्वासी परिवारों में तो इस वजह से व्यभिचार और तलाक जेसे  पाप होते है, एक healthy marriage practice न होने के कारण

जब हम भक्ति आराधना स्तुति के गीत सुनते है और गाते है तो संगीत हमारी आत्मिक भावनाओ को बढ़ावा देता है और हम खुद को परमेश्वर के और नजदीक महसूस करते है , - राईट

ठीक वैसे ही जब हम अच्छे सेक्युलर love songs सुनते है या गुगुनाते है , तो वह संगीत भी हमारी प्रेम भावनाओ को बढ़ावा देता है और पति पत्नी खुद को एक दुसरे के नजदीक महसूस करते है |

और इसकी कमी होने के कारण पति पत्नी  एक साथ तो रह रहे होते है पर एक दुसरे के करीब नहीं रह रहे होते,

मेने ऐसे भी विश्वासी कपल्स देखे है जो एक दुसरे से बस इसलिए लड़ते रहते है कि ,मेरा पति या पत्नी फ़िल्मी गाने सुनता है तो मुझे अच्छा नहीं लगता है और मै तो जब से विश्वास में आया / आई हूँ मेने तो ऐसे love songs सुनने और देखने छोड़ दिए है , मेरा तो सारा समय बस प्रभु का ही है और मै चाहती हूँ कि मेरे husband भी ऐसे ही बन जाये

अररे ! अगर दोनों ही प्रेम की भावनाओ से अलग हो जाओगे तो आपस में प्रेम कैसे करोगे think about it.

 

और अगर एक दम्पति के आपसी प्रेम सम्बन्ध सही नहीं है और वे सिर्फ भक्ति में विलीन है तो यह भी परमेश्वर की महिमा को ख़राब करता है –

बरहाल एक विश्वासी हर उस सेक्युलर म्यूजिक को सुन सकता है और सुनना चाहिए भी जिसके बोल सच्चे , नेक, सही, शुद्ध, प्यारे ,प्रशंशनीय , उत्कृष्ट और सराहनीय हो, तो एक विश्वासी दुवारा उस को सुनने में कुछ भी गलत नहीं है और हर उस सेक्युलर म्यूजिक से दूर रहना चाहिए जिसके बोल अनेतिक , हिंसा बढाने वाले , गाली गलोच , अश्लील नग्नत और नशे को बढ़ावा देने वाले  , इश्वर का विरोध करने वाले. घमंड, और अभद्रता से भरे हुए हो|

कहने का साफ सा मतलब ये है कि आप जो सेक्युलर movies या music देखे या सुने उनके content और lyrics का ध्यानपूर्वक चयन करे और आप जो कुछ भी सुने और जो कुछ भी देखे और जो कुछ भी करे वह  सब अच्छा होना चाहिए और परमेश्वर की महिमा को बढाने वाला होना चाहिए | अमीन

Thank you May God bless you and your family

अगर आप पोस्ट में कोई गलती देखे, तो whats app करे, 

धन्यवाद!


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