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यीशु के बारे में शुभ संदेश
(अध्यन करे मरकुस 1:1-8 )
पृष्ठभूमि .
मरकुस 1:1-15. इस खण्ड में मरकुस अपनी पुस्तक का परिचय देता है। यह उसकी पुस्तक के मुख्य बिन्दु को बताता है। ध्यान दें कि यूहन्ना और यीशु ने एक ही संदेश का प्रचार किया था। यीशु मसीह के बारे में पढ़ने पर, हमें भी "पश्चाताप और शुभ संदेश पर विश्वास" करना है।
[.]मुख्य बिन्दु
परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार यीशु मसीह आया है। यह शुभ संदेश है। हमें यीशु के पास आकर पश्चाताप करना चाहिए।
[*] कुछ बातें जिस पर काम करना है।
1. प्रार्थना करें कि परमेश्वर लोगों को यह दिखाने में आपकी सहायता करे कि यीशु कितना महत्वपूर्ण और अद्भुत है। मरकुस का शुभ संदेश यीशु है, इसलिए हमें यीशु का प्रचार करना है!
2. यह निश्चित करें कि वे 'पश्चाताप' ('अपने पापों से फिरना') को समझते हैं। मरकुस 1:4, 15. पश्चाताप करना ‘खेद’
प्रगट से अधिक है। पश्चाताप करने पर हम अलग दिशा में घूम जाते हैं। हम अपने मन को बदलते हैं। हम पाप के मार्ग पर बने नहीं रहते। हम परमेश्वर के मार्ग पर चलने लगते हैं। सहायता के लिए शब्द चित्र का उपयोग करें।
($)टिप्पणियाँ
A.मरकुस 1:2, 3. मरकुस यशायाह 40:3 के शब्दों का उपयोग करता है। वह दिखाता है कि यूहन्ना ‘संदेशवाहक' (भविष्यद्वक्ता) है जिसके बारे में यशायाह ने लोगों को बताया था। यशायाह एक चित्र का उपयोग करता है। एक व्यक्ति राजा के चलने के लिए एक अच्छी सड़क बना रहा है। यूहन्ना इस व्यक्ति के समान है
B.मरकुस 1:6. यूहन्ना ने एलिय्याह भविष्यद्वक्ता के समान वस्त्र पहने हैं (2 राजा 1:8)।
C.मरकुस 1:7. यूहन्ना यीशु के बारे में बता रहा है। लोगों की बड़ी भीड़ यूहन्ना की सुनने के लिए आती थी, परन्तु वह अपने को महत्वपूर्ण नहीं समझता था। यीशु उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
D.यूहन्ना 1:8. यूहन्ना लोगों को केवल पानी से बपतिस्मा दे सकता है। यीशु ही लोगों के पापों को धोएगा। यीशु लोगों को अपने पवित्र आत्मा के द्वारा बदलेगा। यह पद हमें बताते हैं कि यीशु के हमें मसीही बनाने पर क्या होता है।
1 कुरिन्थियों 12:13 पढ़ें।
शुभ संदेश
मरकुस 1:1-3
1. यीशु मसीह ही शुभ समाचार है मरकुस 1:1 में ‘सुसमाचार' का अर्थ 'शुभ संदेश' है। शुभ समाचार एक व्यक्ति है! सामान्यता कुछ होने को शुभ समाचार कहा जाता है। परन्तु सबसे अच्छा समाचार इस व्यक्ति का आना है। परमेश्वर ने सैकड़ों वर्ष पूर्व इस व्यक्ति की प्रतिज्ञा की थी। यशायाह भविष्यद्वक्ता ने इसके बारे में बताया था (मरकुस 2:2, 3)।
*यीशु ही मसीह है (मरकुस 1:1 )।
‘मसीह’ यीशु का दूसरा नाम नहीं है। यह उसका काम है। यीशु का काम परमेश्वर का भेजा हुआ 'मसीह' या राजा बनने का है। यह सोचें कि यदि संसार का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति आपके पास आए तो आप कितना अधिक रोमांचित होंगे। यीशु का महत्व इससे बहुत अधिक है, क्योंकि वह स्वर्ग का राजा है।
*यीशु परमेश्वर का पुत्र है ( मरकुस 1:1 ) ।
सच में यह विश्वास करने पर कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है, हम झुककर उसकी आरधाना करेंगे। हम उसकी हर बात पर विश्वास करेंगे। हम अपने जीवन उसे देंगे।
*'यीशु हमें भीतर से साफ करने के लिए आया। (मरकुस 1:8)।
यीशु हमें हमारे पापों का दण्ड देने नहीं आया। यीशु हमें क्षमा करने आया। इसी कारण यूहन्ना ने लोगों को 'बपतिस्मा ' दिया था (लोगों को पानी में डुबाया)। उसने यह दिखाने के लिए लोगों को बपतिस्मा दिया कि यीशु उन्हें उनके पापों से साफ करने के लिए आ रहा था।
2. शुभ समाचार बताएं। जब आपके पास कोई शुभ समाचार होता है, आप तब चुप नहीं रहते। आप लोगों को उस बारे में बताते हैं। (किसी उदाहरण के बारे में सोचें) परमेश्वर ने यूहन्ना को करने के लिए एक काम दिया था। उसे लोगों को यीशु के, बारे में शुभ समाचार बताना था।
मरकुस 1:2-4, 7, 8
हमारे पास बताने के लिए सबसे अच्छा समाचार है। उन लोगों के बारे में विचार करें जिन्होंने यीशु के बारे में शुभ समाचार को नहीं सुना है। आप उन्हें कैसे बताएंगे?
हमें क्या करना है!
मरकुस 1:4
अधिकांश लोगों का सोचना है कि यीशु का कोई महत्व नहीं है। उनका यह विश्वास हो सकता है कि यीशु आया है, परन्तु इससे उनमें कोई बदलाव नहीं आता।
- ऐसा सोचना गलत क्यों है?- यूहन्ना लोगों से इसलिए पश्चाताप (अपनी सोच को बदलने) करने के लिए कहता है क्योंकि राजा यीशु आ रहा था। उन्हें अपने पापों से घृणा कर यीशु से क्षमा मांगनी है।
स्वर्ग का राजा आया है!
- क्या आप कुछ नहीं करेंगे?
- क्या आप यीशु को अपने जीवन से बाहर रखेंगे?
- या आप पश्चाताप कर यीशु पर विश्वास करेंगे?
अगर आप इस लेख में कोई गलती देखे तो हमें कमेंट बॉक्स में बताइए _धन्यवाद !
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मरकुस से प्रचार कर