22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
23 “तू उत्तम से उत्तम सुगन्ध-द्रव्य ले, अर्थात् पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार पाँच सौ शेकेल अपने आप निकला हुआ गन्धरस, और उसका आधा, अर्थात् ढाई सौ शेकेल सुगन्धित दालचीनी और ढाई सौ शेकेल सुगन्धित अगर,
तो , यह बिल्कुल सही है। पवित्र शास्त्र में हम देखते हैं कि तेल का उपयोग विभिन्न धार्मिक कार्यों में किया गया है। पहले, तेल का उपयोग 'मिलाप के तम्बू' और गवाही के संदूक' के लिए किया गया था, जोकि धार्मिक संगठन और सम्मेलनों के लिए महत्वपूर्ण थे।
बाद में, तेल का उपयोग पुरोहितों के लिए भी किया गया, जो धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में सेवा करते थे।
30 फिर हारून का उसके पुत्रों के साथ अभिषेक करना, और इस प्रकार उन्हें मेरे लिये याजक का काम करने के लिये पवित्र करना।
तो उन्होंने परमेश्वर के पवित्र तेल को पुरोहितों की अनॉइंटिंग के लिए प्रयोग था, और बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते, कि परमेश्वर ने वास्तव में इस तेल को दोबारा से बनाने और साधारण लोगों के लिए इसका उपयोग करने को मना किया था।
31 और इस्राएलियों को मेरी यह आज्ञा सुनाना, ‘यह तेल तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में मेरे लिये पवित्र अभिषेक का तेल होगा।
32 यह किसी मनुष्य की देह पर न डाला जाए, और मिलावट में उसके समान और कुछ न बनाना; यह पवित्र है, यह तुम्हारे लिये भी पवित्र होगा।
33 जो कोई इसके समान कुछ बनाए, या जो कोई इसमें से कुछ पराए कुलवाले पर लगाए, वह अपने लोगों में से नाश किया जाए’।”
और आपको यह भी जानना चाहिए कि इजराइल के लोग और उस समय के अन्य देश के लोग भी साधारण तेल का उपयोग करते थे। normal तेल का उपयोग विभिन्न चीजों में किया जाता था जैसे medical treatments में।
उदाहरण के लिए, लूका में हम पढ़ते हैं:
लुका 10 : 34
34 "और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियाँ बाँधी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उसकी सेवा टहल की।"
यहाँ हम देखते सकते हैं कि यह केवल आध्यात्मिक कारणों के लिए ही उपयोग नहीं किया गया था।
ये तो दुसरे कामो में भी इस्तेमाल किया जा रहा था – शरीर को ठीक करने में भी दवाई के तोर पर
यीशु लूका 7:46 में कहते हैं:
46 "तूने मेरे सिर पर तेल नहीं मला*; पर इसने मेरे पाँवों पर इत्र मला है।"
तो जब हम बाइबिल का अध्ययन करते हैं, तो हमें दिखाई देता है कि अनॉइंटिंग आयल धार्मिक अभिषेक में प्रयोग किया जाता था और साज सिंगार के लिए भी किया जाता था। आप इसे रूथ 3:3 में देख सकते है और मत्ती 6:17 में देख सकते हैं,
और दूसरी परंपराओं में भी। मरकुस 16 :1
जब सब्त का दिन बीत गया, तो मरियम मगदलीनी, और याकूब की माता मरियम, और सलोमी ने सुगन्धित वस्तुएँ मोल लीं, कि आकर उस पर मलें।
एक और उपयोग यह था कि वे इसे दीपकों के तेल के लिए प्रयोग करते थे।
निर्गमन 27 : 20
फिर तू इस्राएलियों को आज्ञा देना, कि मेरे पास दीवट के लिये कूट के निकाला हुआ जैतून का निर्मल तेल ले आना, जिससे दीपक नित्य जलता रहे।
21 मिलापवाले तम्बू में, उस बीचवाले पर्दे से बाहर जो साक्षीपत्र के आगे होगा, हारून और उसके पुत्र दीवट सांझ से भोर तक यहोवा के सामने सजा कर रखें। यह विधि इस्राएलियों की पीढ़ियों के लिये सदैव बनी रहेगी।
और फिर आध्यात्मिक क्रियाओं के लिए भी, जब लोग उपवास किया करते थे, तो वे तेल का उपयोग करते थे।
17 "परन्तु जब तू उपवास करे तो अपने सिर पर तेल मल और मुँह धो।"
उन्हें इसे सामान्य लोगों के लिए या उसे दुबारा बनाने की अनुमति नहीं थी। और यह विशेष रूप से पवित्र अनोइंटिंग आयल कहलाता था।
याद कीजिये निर्गमन 30
31 और इस्राएलियों को मेरी यह आज्ञा सुनाना, ‘यह तेल तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में मेरे लिये पवित्र अभिषेक का तेल होगा।
32 यह किसी मनुष्य की देह पर न डाला जाए, और मिलावट में उसके समान और कुछ न बनाना; यह पवित्र है, यह तुम्हारे लिये भी पवित्र होगा।
33 जो कोई इसके समान कुछ बनाए, या जो कोई इसमें से कुछ पराए कुलवाले पर लगाए, वह अपने लोगों में से नाश किया जाए’।”
(2)
तो आज के दिन क्या हम अनॉइंटिंग तेल का उपयोग कर सकते हैं?
अब यहाँ से इसको ध्यान से समझने कि जरुरत है
यह पवित्र अनोइंटिंग तेल मिलाप के तम्बू के लिए प्रयोग किया गया था ... अर्क के लिए, और पुरोहितों के लिए
और जब परमेश्वर ने कहा, दाउद मेरा राजा होगा उदाहरण के लिए। दाउद को तेल से स्नान किया गया था और दुसरे पैगंबरों और अन्य राजाओं को भी, यह इस बात का प्रतिक था कि पवित्र आत्मा उन पर है।– राईट
जब हम वह वाक्य ध्यान से पढ़ते हैं, तो आप देखते हैं कि दाउद के साथ, पवित्र आत्मा बचपन से ही था। और ऐसे ही दुसरे नबियो पर पवित्र आत्मा पहले से ही हुआ करता था
लेकिन नबियो और मंदिर और दाऊद, - के सम्मान के लिए,
लेकिन जो यहूदा की जाति से आया, यहूदा का शेर, यीशु मसीह, वह पुरानी विधि को पूरा कर देता है, तो नबी और मंदिर ... सब गिर गया, क्योंकि अब हम परमेश्वर का मंदिर हैं।
और हम पहले से ही पवित्र आत्मा के अनुपात में अभिषिक्त किये गए हैं।
1 युहन्ना 2 : 20
20 और तुम्हारा तो उस पवित्र आत्मा से अभिषेक हुआ है, और तुम सब सत्य जानते हो।
क्या आप यह समझ पा रहे है? हर एक यीशु में दुबारा जन्मा विश्वासी पहले से ही पवित्र आत्मा से भरा गया है। बाइबिल भी कहती है कि वचन के अनुसार हम सभी पवित्र आत्मा के आश्वासन के साथ सील किए गए हैं जब तक यीशु का दुबारा आगमन नहीं आता। पुराने विधि नियम पुरे किये जा चुके है
इफिसियों 1 : 13
और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।
14 वह उसके मोल लिए हुओं के छुटकारे के लिये हमारी विरासत का बयाना है, कि उसकी महिमा की स्तुति हो।
यीशु ने उसे पूरा किया। वह उतम याजक बन गया A Royal Priest और क्योंकि हम सभी उस पर विश्वास रखते हैं, हम सभी उसके साथ मर गए। हम पवित्र आत्मा के माध्यम से नए सृजनों के रूप में जीवित हुए है। अब, हम सभी इस royal priesthood. का हिस्सा हैं।
अब हम सीधे परमेश्वर की पूजा कर सकते हैं। हमें मंदिर में पुरोहितों के पास जाने की ज़रूरत नहीं है। आप खुद परमेश्वर का मंदिर हैं।
1 पतरस 2: 9
9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और परमेश्वर की निज प्रजा हो, इसलिए कि जिसने तुम्हें अंधकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
(3)
तो क्या इसका मतलब यह है कि आपको आज, इस तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए?
नहीं। इसका ये मतलब नहीं है !
क्योंकि बाइबिल में यह नहीं कहा गया है कि आपको इसका उपयोग नहीं करना चाहिए और यह भी - नहीं कहा गया है कि आपको इसका उपयोग करना चाहिए।
आपको पवित्र आत्मा से पूछना चाहिए और इसका पालन करना चाहिए।
उसे आपका मार्गदर्शन करने दें।
लेकिन एक चीज या कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें हम आज के चर्च में देख सकते है , जहाँ लोग इसका गलत उपयोग करते हैं।
और यह एक खतरनाक बात है।
for ex - कुछ लोग अपने घर को , घर के सभी दरवाज़ों, खिड़कियों के ऊपर तेल लगाने लगते हैं, ताकि घर को शैतानी दुष्ट आत्माओ से सुरक्षित रखा जा सके।
बाइबिल में ऐसा कहा पर लिखा है ?- where in the scripture
मरकुस 6 : 13
13 और बहुत सी दुष्टात्माओं को निकाला, और बहुत बीमारों पर तेल मलकर उन्हें चंगा किया।
आप सब कुछ अनोइंट करने लग जाते हैं,
खिड़की दरवाज़ों और घर को भी...
आप एक बहुत खतरनाक रास्ते पर चल रहे हैं क्योंकि आप मूल रूप से यह कह रहे हैं कि जो यीशु ने क्रॉस पर किया वह पर्याप्त नहीं था।
7 इसलिए परमेश्वर के अधीन हो जाओ; और शैतान का सामना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।
इसमें नहीं कहा गया है कि आपको परमेश्वर के अधीन होकर तेल का उपयोग करना चाहिए और फिर शैतान को दूर भाग जायेगा - नहीं।
लुका 10: 17
17 वे सत्तर आनन्द से फिर आकर कहने लगे, “हे प्रभु, तेरे नाम से दुष्टात्मा भी हमारे वश में है।”
(4)
उस वक्त जब आप ये मानने लग जाते हैं कि आपका विश्वास पर्याप्त मजबूत नहीं है और आपको दुसरे उपायों पर निर्भर होना चाहिए कि परमेश्वर काम करने पाए, तब आप एक बड़ी मुसीबत को दावत दे रहे हैं।
21 और जो हमें तुम्हारे साथ मसीह में दृढ़ करता है, और जिस ने हमें “अभिषेक” किया वही परमेश्वर है।
22 जिस ने हम पर छाप भी कर दी है और बयाने में आत्मा को हमारे मनों में दिया।– WOW !
(5)
1 युहन्ना 2: 27
27 और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उसकी ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इसका प्रयोजन नहीं, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। §
बस येही तो हमें चाहिए।
मरकुस 9 : 29
उसने उनसे कहा, “यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के किसी और उपाय से निकल नहीं सकती।”
दूसरे शब्दों में, आपको परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह आपकी मदद करें इन भूतों से छुटकारे के लिय।
16 इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
(6)
यदि तुम में कोई दुःखी हो तो वह प्रार्थना करे; यदि आनन्दित हो, तो वह स्तुति के भजन गाएँ।
14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
तो किसी के तेल लगाने में कुछ गलत नहीं है, तेल घावो पर मलने कि बात कि जा रही है क्योकि उस समय में मेडिकल दवाइया इतनी नहीं हुआ करती थी और तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते है तो तेल को as a antiseptic के तौर पर use किया जाता था ,
16 इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
यहां दोनों बार प्रार्थना की शक्ति के बारे में बात हो रही है, तेल लगाने की शक्ति के बारे में नहीं।
एलिय्याह भी तो हमारे समान दुःख-सुख भोगी मनुष्य था; और उसने गिड़गिड़ाकर प्रार्थना की; कि बारिश न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर बारिश नहीं बरसा। §
18 फिर उसने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्त हुई। §
6 पर विश्वास से माँगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
7 ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा,
आपको विश्वास करना होगा कि अगर यह परमेश्वर की इच्छा के अंतर्गत है, तो आप उससे जो कुछ भी मांगते हैं, वह कर सकते हैं।
और फिर, जब आप किसी बात के लिए प्रार्थना करते हैं और आपको शब्द और पुष्टि मिलती है कि यह आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है, तो तब आप उसके वादे में काम कर सकते हैं, यानी कि आपको पहले ही पता चल सकता है।
क्योंकि आप भौतिक रूप से नहीं देखते हैं, बल्कि आप अपनी आध्यात्मिक दृष्टि से देखने लग जाते है।
तो आप जानते हैं कि परमेश्वर ने पहले ही आपको बता दिया है कि यह होगा।
तो आप उसके अनुसार चलते हैं। तो अगर वह चाहता है कि आप पूनम से शादी करें, उदाहरण के लिए, और आपने कई बार इसे महसूस किया है, तो आप शांति का अनुभव कर सकते हैं कि यह सही निर्णय है। आप ऐसे उदाहरण बाइबिल में कई बार देख सकते है
(7)
एसा नहीं होता कि हम कहते है और परमेश्वर कर देता है – नहीं
बल्कि परमेश्वर बोलता है और हम उससे पूछते है कभी-कभी तो जब हम उससे पूछते भी नहीं है । फिर भी उसकी ही इच्छा के अनुसार काम करते हैं और हम जानते हैं कि हमें क्या करना है –
अब मैं उन लोगो के लिए कुछ कहना चाहता हूँ जो शायद सुन रहे हों और मुझे उम्मीद है कि वे सुन रहे हो - वो जो अपनी दीवारों और दरवाजों पर तेल को चिढ़कते हैं,
दुष्ट आत्माएँ छत से आ सकती हैं या जमीन से भी ।
आप जानते हैं ये चीजें आपको सुरक्षित नहीं रखेंगी। यह तेल नहीं है जो आपको सुरक्षित रखता है - यह परमेश्वर है। और केवल वह ही कर सकता है और मैं आपको इसके लिए बताना चाहता हूं कि, सभी दोबारा जन्मे विश्वासी जो अब तक इसे नहीं जानते,à हम पहले ही से सारी आध्यात्मिक आशीषे प्राप्त कर चुके हैं।
आपको बस यह समझना है कि वे क्या हैं। हम पहले ही परमेश्वर के सभी वादे प्राप्त कर चुके हैं।
आपको बस यह समझना है कि वे क्या हैं। उदाहरण के लिए,
हमारे परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह के पिता का धन्यवाद हो कि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आत्मिक आशीष दी है।
मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।"
(8)
हां, पुरोहित अधिकारी मिलन स्थल पर तेल का उपयोग करते थे और उसे छिड़कते थे, आधिकारिक अवसरों पर, जैसे एक भाविश्य्दुवाकता, एक पुरोहित, या एक नए राजा पर छिडकाव करता थे , जो दिखाता था कि पवित्र आत्मा उन पर आ रहा है।
लेकिन अब जब यीशु आए, हम सभी ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया है। हम परमेश्वर का मंदिर हैं क्योंकि आपको पहले से ही धर्मी घोषित किया गया है, नहीं ?
और इसका मतलब है कि आप अनुग्रह प्राप्त करने के लिए परमेश्वर की सिंहासन के सामने पहुंच सकते हैं और आप उसके सिंहासन के साथ निडरता और आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सकते हैं।
इब्रानियों 4: 16
इसलिए आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट साहस बाँधकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
1 कुरंथियो 3: 16, 17
क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो।
तो आप तेल का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन यह समझें कि शक्ति धार्मिक व्यक्ति की प्रार्थना में है। और फिर याद रखें 1 यूहन्ना कहता है:
1 युहन्ना 2: 20
और तुम्हारा तो उस पवित्र से अभिषेक हुआ है, और तुम सब सत्य जानते हो।
धन्यवाद!
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