"Anointing oil" अभिषिक्त तेल क्या है ? बाइबिल इस बारे में क्या कहती है ?

आज  हम उस चीज के बारे में बात करेंगे जिसने पिछले कुछ सालों में
 कलीसिया के अंदर बहुत ज्यादा popularity हासिल की है। 
और वो है - "Anointing oil."

क्या है ये?

 क्या यह सच में काम करता है?
 
Is it biblical?





पर सबसे पहले मैं चाहता हूँ कि हम बाइबिल पर ध्यान दें क्योंकि बाइबल इस दुनिया में हमारे पास एकमात्र परम सत्य है। तो चलो देखते हैं कि बाइबिल में वो लोग इस तेल को कैसे उपयोग किया करते थे।
 
तो चलो उस  पवित्र तेल की ओर देखते हैं जो पहली बार परमेश्वर ने खुद लागू किया था।"
 
[निर्गमन 30:22-26]
22 फिर यहोवा ने मूसा से कहा,
23तू उत्तम से उत्तम सुगन्ध-द्रव्य ले, अर्थात् पवित्रस्थान के शेकेल के अनुसार पाँच सौ शेकेल अपने आप निकला हुआ गन्धरस, और उसका आधा, अर्थात् ढाई सौ शेकेल सुगन्धित दालचीनी और ढाई सौ शेकेल सुगन्धित अगर,
24 और पाँच सौ शेकेल तज, और एक हीन जैतून का तेल लेकर
25 उनसे अभिषेक का पवित्र तेल, अर्थात् गंधी की रीति से तैयार किया हुआ सुगन्धित तेल बनवाना; यह अभिषेक का पवित्र तेल ठहरे।
 
तो , यह बिल्कुल सही है। पवित्र शास्त्र में हम देखते हैं कि तेल का उपयोग विभिन्न धार्मिक कार्यों में किया गया है। पहले, तेल का उपयोग 'मिलाप के तम्बू' और गवाही के संदूक' के लिए किया गया था, जोकि धार्मिक संगठन और सम्मेलनों के लिए महत्वपूर्ण थे।
बाद में, तेल का उपयोग पुरोहितों के लिए भी किया गया, जो धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में सेवा करते थे।
 
निर्गमन 30 : 30
30 फिर हारून का उसके पुत्रों के साथ अभिषेक करना, और इस प्रकार उन्हें मेरे लिये याजक का काम करने के लिये पवित्र करना।
 
तो उन्होंने परमेश्वर के पवित्र तेल को  पुरोहितों की अनॉइंटिंग के लिए प्रयोग था, और बहुत से लोग इस बात को नहीं जानते, कि परमेश्वर ने वास्तव में इस तेल को दोबारा से बनाने और साधारण लोगों के लिए इसका उपयोग करने को मना किया था।
 
 
आप इसे मेरी साथ पढ़ सकते है
 
निर्गमन 30 :31-32
31 और इस्राएलियों को मेरी यह आज्ञा सुनाना, ‘यह तेल तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में मेरे लिये पवित्र अभिषेक का तेल होगा।
32 यह किसी मनुष्य की देह पर न डाला जाए, और मिलावट में उसके समान और कुछ न बनाना; यह पवित्र है, यह तुम्हारे लिये भी पवित्र होगा।
33 जो कोई इसके समान कुछ बनाए, या जो कोई इसमें से कुछ पराए कुलवाले पर लगाए, वह अपने लोगों में से नाश किया जाए
हाँ, यह बहुत ही interesting है।
 
 
और आपको यह भी जानना चाहिए कि इजराइल के लोग और उस समय के अन्य देश के लोग भी साधारण तेल का उपयोग करते थे। normal  तेल का उपयोग विभिन्न चीजों में किया जाता था जैसे medical treatments में
 
उदाहरण के लिए, लूका में हम पढ़ते हैं:
लुका 10 : 34
34 "और उसके पास आकर और उसके घावों पर तेल और दाखरस डालकर पट्टियाँ बाँधी, और अपनी सवारी पर चढ़ाकर सराय में ले गया, और उसकी सेवा टहल की।"
 
 
 
यहाँ हम देखते सकते हैं कि यह केवल आध्यात्मिक कारणों के लिए ही उपयोग नहीं किया गया था।
 
ये तो दुसरे कामो में भी इस्तेमाल किया जा रहा था – शरीर को ठीक करने में भी दवाई के तोर पर 
यीशु लूका 7:46  में कहते हैं:
46 "तूने मेरे सिर पर तेल नहीं मला*; पर इसने मेरे पाँवों पर इत्र मला है।" 
 
तो जब हम बाइबिल का अध्ययन करते हैं, तो हमें दिखाई देता है कि अनॉइंटिंग आयल धार्मिक अभिषेक में प्रयोग किया जाता था और साज सिंगार के लिए भी किया जाता था। आप इसे रूथ 3:3 में देख सकते है और मत्ती 6:17 में देख सकते हैं,
और दूसरी  परंपराओं में भी। मरकुस 16 :1
 
जब सब्त का दिन बीत गया, तो मरियम मगदलीनी, और याकूब की माता मरियम, और सलोमी ने सुगन्धित वस्तुएँ मोल लीं, कि आकर उस पर मलें।
 
एक और उपयोग यह था कि वे इसे दीपकों के तेल के लिए प्रयोग करते थे।
निर्गमन 27 : 20
फिर तू इस्राएलियों को आज्ञा देना, कि मेरे पास दीवट के लिये कूट के निकाला हुआ जैतून का निर्मल तेल ले आना, जिससे दीपक नित्य जलता रहे।
21 मिलापवाले तम्बू में, उस बीचवाले पर्दे से बाहर जो साक्षीपत्र के आगे होगा, हारून और उसके पुत्र दीवट सांझ से भोर तक यहोवा के सामने सजा कर रखें। यह विधि इस्राएलियों की पीढ़ियों के लिये सदैव बनी रहेगी।
 
 
फिर खासकर जब हम पुराना नियम में पढ़ते हैं, तो हम देखते हैं कि तेल का उपयोग एक नए राजा या भविष्यवाणीकर्ता को अनोइंट करने के लिए भी किया गया था, इससे यह प्रकट होता था कि परमेश्वर का आत्मा उस व्यक्ति पर आ गया
और फिर आध्यात्मिक क्रियाओं के लिए भी, जब लोग उपवास किया करते थे, तो वे तेल का उपयोग करते थे।
 
मति 6 : 17
17 "परन्तु जब तू उपवास करे तो अपने सिर पर तेल मल और मुँह धो।"
 
 
 हम यहाँ देख सकते हैं कि तेल का उपयोग स्वास्थ्य के लिय भी किया जाता था और जब हम प्रामाणिकता की बात करते हैं, तो हम समझते हैं कि तेल को विभिन्न कारणों के लिए भी प्रयोग किया गया था। लेकिन साधारण तेल का , न कि परमेश्वर का पवित्र तेल का...
उन्हें इसे सामान्य लोगों के लिए या उसे दुबारा बनाने की अनुमति नहीं थी। और यह विशेष रूप से पवित्र अनोइंटिंग आयल कहलाता था।
याद कीजिये निर्गमन 30
31 और इस्राएलियों को मेरी यह आज्ञा सुनाना, ‘यह तेल तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में मेरे लिये पवित्र अभिषेक का तेल होगा।
32 यह किसी मनुष्य की देह पर न डाला जाए, और मिलावट में उसके समान और कुछ न बनाना; यह पवित्र है, यह तुम्हारे लिये भी पवित्र होगा।
33 जो कोई इसके समान कुछ बनाए, या जो कोई इसमें से कुछ पराए कुलवाले पर लगाए, वह अपने लोगों में से नाश किया जाए
 
 
(2)
 
तो आज के दिन क्या हम अनॉइंटिंग तेल का उपयोग कर सकते हैं?
 
अब यहाँ से इसको ध्यान से समझने कि जरुरत है
 
यह पवित्र अनोइंटिंग तेल मिलाप के तम्बू के लिए प्रयोग किया गया था ... अर्क के लिए, और पुरोहितों के लिए
 
और जब परमेश्वर ने कहादाउद मेरा राजा होगा उदाहरण के लिए। दाउद को तेल से स्नान किया गया था और दुसरे पैगंबरों और अन्य राजाओं को भी, यह इस बात का प्रतिक था कि पवित्र आत्मा उन पर है।– राईट
 
जब हम वह वाक्य ध्यान से पढ़ते हैं, तो आप देखते हैं कि दाउद के साथ, पवित्र आत्मा बचपन से ही था। और ऐसे ही दुसरे नबियो पर पवित्र आत्मा पहले से ही हुआ करता था  
 
लेकिन नबियो  और मंदिर और दाऊद, -  के सम्मान के लिए,
 
लेकिन जो यहूदा की जाति से आया, यहूदा का शेर, यीशु मसीह, वह पुरानी विधि को पूरा कर देता है, तो नबी और मंदिर ... सब गिर गया,  क्योंकि अब हम परमेश्वर का मंदिर हैं।
और हम पहले से ही पवित्र आत्मा के अनुपात में अभिषिक्त किये गए हैं।
 
1 युहन्ना 2 : 20
20 और तुम्हारा तो उस पवित्र आत्मा से अभिषेक हुआ है, और तुम सब सत्य जानते हो।         
 
 
 
क्या आप यह समझ पा रहे है? हर एक यीशु में दुबारा जन्मा विश्वासी पहले से ही पवित्र आत्मा से भरा गया है। बाइबिल भी कहती है कि वचन के अनुसार हम सभी पवित्र आत्मा के आश्वासन के साथ सील किए गए हैं जब तक यीशु का दुबारा आगमन नहीं आता। पुराने विधि नियम पुरे किये जा चुके है
 
इफिसियों 1 : 13
और उसी में तुम पर भी जब तुम ने सत्य का वचन सुना, जो तुम्हारे उद्धार का सुसमाचार है, और जिस पर तुम ने विश्वास किया, प्रतिज्ञा किए हुए पवित्र आत्मा की छाप लगी।
14 वह उसके मोल लिए हुओं के छुटकारे के लिये हमारी विरासत का बयाना है, कि उसकी महिमा की स्तुति हो।
 
यीशु ने उसे पूरा किया। वह उतम याजक  बन गया  A Royal Priest और क्योंकि हम सभी उस पर विश्वास रखते हैं, हम सभी उसके साथ मर गए। हम पवित्र आत्मा के माध्यम से नए सृजनों के रूप में जीवित हुए है। अब, हम सभी इस royal priesthood. का हिस्सा हैं।
 
अब हम सीधे परमेश्वर की पूजा कर सकते हैं। हमें मंदिर में पुरोहितों के पास जाने की ज़रूरत नहीं है। आप खुद परमेश्वर का मंदिर हैं।
 
                                                                                                    
1 पतरस 2: 9
9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी, याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और परमेश्वर की निज प्रजा हो, इसलिए कि जिसने तुम्हें अंधकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
 
(3)
 
तो क्या इसका मतलब यह है कि आपको आज, इस तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए?
 
नहीं। इसका ये मतलब नहीं है !
 
क्योंकि बाइबिल में यह नहीं कहा गया है कि आपको इसका उपयोग नहीं करना चाहिए और यह भी - नहीं कहा गया है कि आपको इसका उपयोग करना चाहिए।
 
आपको पवित्र आत्मा से पूछना चाहिए और इसका पालन करना चाहिए।
 
उसे आपका मार्गदर्शन करने दें।
 
लेकिन एक चीज या कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें हम आज के चर्च में देख सकते है ,  जहाँ लोग इसका गलत उपयोग करते हैं।
 
और यह एक खतरनाक बात है।
 
for ex -  कुछ लोग अपने घर को , घर के सभी दरवाज़ों, खिड़कियों के ऊपर तेल लगाने लगते हैं, ताकि घर को शैतानी दुष्ट आत्माओ  से सुरक्षित रखा जा सके।
 
बाइबिल में ऐसा कहा पर लिखा है ?- where in the scripture
 
 
 
 
 
 
मरकुस 6 : 13
13 और बहुत सी दुष्टात्माओं को निकाला, और बहुत बीमारों पर तेल मलकर उन्हें चंगा किया।
 
 
 
तो कुछ लोग शायद यहाँ पर कंफ्यूज हो जाएं क्योंकि ये पढने में ऐसा ही लग रहा है।
 
लेकिन यह ऐसा नहीं कहता है कि दुष्टात्माओ को निकालने के लिए अनॉइंटिंग तेल का उपयोग करते थे।
 
यह कहता है कि वे दुश्ताम्त्माओ को निकालते थे,-  लेकिन उन्होंने सिर्फ बीमार लोगों के लिए तेल का उपयोग किया था।
 
दुसरे शब्दों में, वे इसका उपयोग चिकित्सा के लिए करते थे। क्योकि उस समय में मेडिकल दवाइया इतनी नहीं हुआ करती थी और तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते है तो तेल को as a  antiseptic के तौर पर use किया जाता था ,
 
 
 
बहुत से लोग भूल जाते हैं कि हमें यीशु मसीही में, हमें जो सामर्थ चाहिए वह सब हमारे पास  है शैतान को हराने के लिए।
 
हमें उसमें  जो यीशु मसीह  ने पहले ही क्रुस पर कर दिया  है उसमे और कुछ भी एक्स्ट्रा जोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
 
और उसमे जो आत्मिक वरदान और आशीर्वाद पहले ही हमें दिए हैं। कुछ भी एक्स्ट्रा जोड़ने कि जरुरत नहीं है
 
 
 
जिस पल आप यह मान लेते हैं कि परमेश्वर जो आपके भीतर है वह पर्याप्त नहीं है और आप बाइबिल में चीजों को जोड़ने लगते हैं...
आप सब कुछ अनोइंट करने लग जाते  हैं,
 
अपने पति और पत्नी और बच्चों को भी...
खिड़की दरवाज़ों और घर को भी...
 
और आप बाइबल को पढना छोड़ देते हैं क्योंकि आपको लगता है कि अब और अधिक शक्ति चाहिए होगी।
आप एक बहुत खतरनाक रास्ते पर चल रहे हैं क्योंकि आप मूल रूप से यह कह रहे हैं कि जो यीशु ने क्रॉस पर किया वह पर्याप्त नहीं था।
 
और यह मूल रूप से सफेद जादू करने के जैसा है !
 
याकूब 4:7
इसलिए परमेश्वर के अधीन हो जाओ; और शैतान का सामना करो, तो वह तुम्हारे पास से भाग निकलेगा।
 
इसमें नहीं कहा गया है कि आपको परमेश्वर के अधीन होकर तेल का उपयोग करना चाहिए और फिर शैतान को दूर भाग जायेगा -  नहीं।
 
 
 
बाइबिल बिलकुल स्पष्ट हैं।
 
हमारे पास धर्मग्रंथ में जो उदाहरण है, उसके अनुसार हमें शैतान को और - लोगों में समाये हुए भूत-प्रेतों को भी - यीशु मसीह के नाम में डाँटना है।-  बस यही तो करना है। thats it!
 
आपको इसमें कुछ भी जोड़ने की आवश्यकता नहीं है। जब उन्होंने दुष्ट आत्माओ कि सेना (लीजन) को निकालना चाहा, तो क्या यीशु ने पहले किसी शिष्य से कहा, अरे, मुझे कुछ तेल लाके दो?- नहीं।
 
वह परमेश्वर हैं। उन्होंने पहले ही शैतान, अन्धकार और बुराई को परास्त कर दिया है, और हम भी यीशु मसीह के लहू के कारण उस के दुवारा शैतान और दुष्ट कि ताकतों पर विजयी हैं।
 
यीशु को प्रभु और उद्धारक के रूप में स्वीकार करके  - पवित्र आत्मा का स्वागत करके  - हम उस अधिकार को प्राप्त करते हैं जिसके द्वारा हम यीशु के नाम में शैतान को डाँट सकते हैं,-  और बस यही है।, यही हमें चाहिए। और कुछ भी नहीं !
लुका 10: 17
17 वे सत्तर आनन्द से फिर आकर कहने लगे, “हे प्रभु, तेरे नाम से दुष्टात्मा भी हमारे वश में है।
 
 
(4)
 
उस वक्त जब आप ये मानने लग जाते हैं कि आपका विश्वास पर्याप्त मजबूत नहीं है और आपको दुसरे उपायों पर निर्भर होना चाहिए कि परमेश्वर काम करने पाए, तब आप एक बड़ी मुसीबत को दावत दे रहे  हैं।
 
क्योंकि आप ये मानते हैं कि जीसस ने क्रुस पर जो कुछ किया वो काफी नहीं था।
 
अगर आप उस चीज के लिए प्रार्थना करते हैं जो पर्याप्त है, तो एक धार्मिक व्यक्ति की प्रार्थना में बहुत अधिक शक्ति होती है क्योंकि तभी ये काम करता है।
 
तो  क्या आप धार्मिकता से जीते हैं?
 
क्या आप पवित्र जीवन जीते हैं?
 
और कभी-कभी परमेश्वर आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर नहीं देते क्योंकि वह चाहते हैं कि आप धैर्य सीखें। कभी-कभी परमेश्वर  शायद! ना भी कहें।
 
और आपको अपनी इच्छा के ऊपर,-  उसकी इच्छा स्वीकार करनी होगी।
 
मैं उन लोगों के बारे में बात कर रहा हूं जो अपनी गाड़ियों और घरों पर anointing तेल लगाते है क्योकि वो और भी सफलता पाना  चाहते हैं या फिर अपने पति या पत्नी या परिवार के सदस्यों को दुष्ट कि ताकतों से सुरक्षित रखना चाहते हैं।
 
तो वे उन्हें सोते समय तेल लगाते हैं या कुछ इसी प्रकार की हरकते करते हैं।
 
नहीं।-  यह बाइबिल में नहीं है।
 
और मैं यह आपको प्रेम के साथ बता रहा हूं।
 
आपको समझना चाहिए कि आप पहले ही- पवित्र आत्मा से anoint किये  गए हैं। क्या यह एक अद्भुत नहीं है।
 
आपके अंदर एक नयी आध्यात्मिक प्रकृति है जो आपको परमेश्वर के प्रति प्रार्थना करने के लिए प्रेरित करती है, जो आपको  सांसारिक  जीवन के हर कदम में आपको संभालती है, और आत्मिक युद्ध में भी
 
2 कुरंथियो1 : 21-22
21 और जो हमें तुम्हारे साथ मसीह में दृढ़ करता है, और जिस ने हमें “अभिषेक” किया वही परमेश्वर है।
22 जिस ने हम पर छाप भी कर दी है और बयाने में आत्मा को हमारे मनों में दिया।– WOW !
 
(5)
1 युहन्ना 2: 27
27 और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उसकी ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इसका प्रयोजन नहीं, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। §
 
wow, क्या सुंदर वचन है . I'm getting so excited talking about this.
 
27 और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उसकी ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इसका प्रयोजन नहीं, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन् जैसे वह अभिषेक जो उसकी ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। §
 
बस यही सब कुछ है जो हमें चाहिए। मसीह में बने रहना।!!- हम उसमे , वो हम में ,
 
हमें हर दिन हमारे जीवन के,, प्रत्येक कदम में आगे बढ़ाने के लिए, आत्मा में जीना।
बस येही तो  हमें चाहिए।
 
क्या हमें उसी प्रकार से इसका उपयोग नहीं करना चाहिए जैसा चेलो  ने किया था। जब वे दुष्ट आत्मा से लड़ना चाहते थे, भूत-प्रेतों से  लोगों की मदद करना चाहते थे। केवल यीशु मसीह के नाम से।
 
उनके अंदर यीशु ही सब कुछ था जो उन्हें चाहिए था। और उन्होंने इसे समझा भी ।
 
इसलिए उन्होंने साहस और आत्मविश्वास से कार्य किए, यह समझते हुए कि वे अपने आप में कुछ भी नहीं कर सकते है लेकिन ये यीशु मसीही है जो उनमे होकर काम करता है
 
उनके अंदर परमेश्वर है, जिसके दुवारा वे मसीह के नाम से सभी कार्य कर सकते हैं।
 
और , और जब वे भूतों प्रेतों  से जूझ रहे थे, तो क्या यीशु ने उन् से कहा?
 
क्या उन्हें कहा, - तुम्हें तेल या पवित्र जल या अजीब चीजें उपयोग करने की आवश्यकता है? शैतान से लड़ने के लिय - नहीं।
 
मेरे साथ पढ़ो।
 
मरकुस 9 : 29
उसने उनसे कहायह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के  किसी और उपाय से निकल नहीं सकती।
 
 
दूसरे शब्दों में, आपको परमेश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह आपकी मदद करें इन भूतों से छुटकारे के लिय।
 
बुजुर्ग पास्टरो ने कई बार इसे किया जब उन्होंने भूत-प्रेतों से लोगों के छुटकारे लिए प्रार्थना की, खासकर  सेटनिस्ट्स के लोगों के लिए जिनके ऊपर बहुत ही ताकतवर भूत सवार थे। एसा भी वक्त आया जब पवित्र आत्मा ने उन्हें सिर्फ प्रार्थना करने के लिए प्रेरित किया। और उन्होंने बस प्रार्थना की और फिर परमेश्वर ने खुद ही एक स्वर्ग दूत भेजा, और वो आया मदद करने और उस व्यक्ति को उस ताकतवर भूत से छुडाने के लिए।
 
मैं anointing तेल के बारे में और भी थोड़ा सा बात करना चाहता हूँ क्योंकि मुझे दिखाई देने लगा है कि बहुत से विश्वासी  अधिक प्रार्थना में विश्वास करने के बजाय  तेल में अधिक विश्वास करने लगे हैं।
 
और वो बिना तेल के प्रार्थना ही नहीं करते है , ये काले जादू में क्र्यस्टेल के इस्तेमाल करने के जैसा होता जा रहा है  
 
नहीं। शक्ति आपकी प्रार्थना और उपवास में है। और किसी भी चीज़ में नहीं न तेल में और न पानी में
 
याकूब 5 : 16
16 इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
 
(6)
 
कई बार जब आप किसी के लिए प्रार्थना करते है तो वैसा नहीं होता जैसा आप चाहते है या जैसी आपने प्रार्थना कि है , होता बस वही है जो परमेश्वर की इच्छा होती है, कई बार चंगाई नहीं होती है या छुटकारा नहीं हो पता है क्योकि इसके पीछे भी परमेश्वर कि एक बड़ी योजना छिपी होती है , जब मै प्रभु में आया था मै बीमार था और सिर्फ चंगाइ पाने के लिय चर्च जाता था लेकिन जितनी बार भी मेरे लिय प्रार्थना होती थी मै और भी ज्यादा बीमार हो जाता था और मैंने  जीसस को रिजेक्ट कर दिया था और बाइबिल को फेक दिया था और क्रिश्चियनिटी से बहुत दूर हो गया था लेकिन आज आपके सामने हूँ, कुछ बाते परमेश्वर के हाथो में होती है किस को कैसे बचाना है और कैसे इस्तेमाल करना है 
 
अब कुछ लोग कहते हैं – कि बाइबिल में कहा गया है कि हम लोगों को तेल लगा सकते हैं।
 
हां, वह ऐसा कहती है। लेकिन शक्ति प्रार्थना में है, तेल में नहीं।
 
यह वही वचन है जिसके बारे में प्रेरित लोग बात कर रहे हैं... जिस वचन को मैंने अभी आपको  बताया । मुझे इसे  फिर से पढ़ने दीजिए।
 
याकूब 5 : 13 से
यदि तुम में कोई दुःखी हो तो वह प्रार्थना करे; यदि आनन्दित हो, तो वह स्तुति के भजन गाएँ।
14 यदि तुम में कोई रोगी हो, तो कलीसिया के प्राचीनों को बुलाए, और वे प्रभु के नाम से उस पर तेल मल कर उसके लिये प्रार्थना करें।
तो किसी के  तेल लगाने में कुछ गलत नहीं है, तेल घावो पर मलने कि बात कि जा रही है क्योकि उस समय में मेडिकल दवाइया इतनी नहीं हुआ करती थी और तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते है तो तेल को as a  antiseptic के तौर पर use  किया जाता था ,
 
 अब इसके  आगे पढ़ें।
 
15 और विश्वास की प्रार्थना के द्वारा रोगी बच जाएगा और प्रभु उसको उठाकर खड़ा करेगा; यदि उसने पाप भी किए हों, तो परमेश्वर उसको क्षमा करेगा।
16 इसलिए तुम आपस में एक दूसरे के सामने अपने-अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिससे चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
 
यहां दोनों बार प्रार्थना की शक्ति के बारे में बात हो रही है, तेल लगाने की शक्ति के बारे में नहीं।
 
और आगे 17 से पड़ते है
एलिय्याह भी तो हमारे समान दुःख-सुख भोगी मनुष्य था; और उसने गिड़गिड़ाकर प्रार्थना की; कि बारिश न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर बारिश नहीं बरसा। §
18 फिर उसने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्त हुई। §
 
 
 मैं बड़े प्यार से आप से कहना चाहता हूँ कि  अगर आपने अब तेल के उपर ज्यादा ध्यान देना शुरू दिया है क्योंकि अब आप उम्मीद कर रहे हैं कि चीजें काम करने लगें, और अब आप कुछ अद्भुत शक्ति मेहसूस कर रहे हैं, और आप सोच रहे है कि परमेश्वर जो आपकी इस परिस्थितियों में मदद करेगा,
 
 तो कृपया समझने की कोशिश कीजिये  - यह आपकी मदद नहीं करेगा - क्योंकि , समस्या यह है कि-  आप मानते हैं - कि आपका यीशु पर विश्वास काफी  नहीं है और आपकी प्रार्थनाएँ पर्याप्त नहीं हैं। - - - तो समस्या आप हैं।
 
आपको अपने आप को यीशु मसीह के स्वामित्व के अधीन समर्पित करना होगा।
 
जब आप कुछ बातो के लिए प्रार्थना करते हैं और मानते हैं कि अगर यह प्रभु कि इच्छा है तो वह  हो जाएगा।
 
अगर नहीं, तो वह नहीं होगा।
 
और फिर आप प्रभु को मजबूर नहीं कर सकते, अलग अलग चीजों का उपयोग करने का प्रयास करके, जैसे बाइबिल खोल के रखना, या तेल लगाना। - - आप ऐसा नहीं कर सकते।
 
जब आप प्रार्थना करते हैं, आपको परमेश्वर की इच्छा के भीतर प्रार्थना करनी है। और आपको संदेह के बिना प्रार्थना करनी है।
 
याकूब 1 : 6-7
पर विश्वास से माँगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करनेवाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है।
ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा,
 
 
आपको विश्वास करना होगा कि अगर यह परमेश्वर की इच्छा के अंतर्गत है, तो आप उससे जो कुछ भी मांगते हैं, वह कर सकते हैं।
 
और फिर, जब आप किसी बात के लिए प्रार्थना करते हैं और आपको शब्द और पुष्टि मिलती है कि यह आपके लिए परमेश्वर की इच्छा है, तो तब आप उसके वादे में काम कर सकते हैं, यानी कि आपको पहले ही पता चल सकता है।
क्योंकि आप भौतिक रूप से नहीं देखते हैं, बल्कि आप अपनी आध्यात्मिक दृष्टि से देखने लग जाते है।
 
तो आप जानते हैं कि परमेश्वर ने पहले ही आपको बता दिया है कि यह होगा।
 
तो आप उसके अनुसार चलते हैं। तो अगर वह चाहता है कि आप पूनम से शादी करें, उदाहरण के लिए, और आपने कई बार इसे महसूस किया है, तो आप शांति का अनुभव कर सकते हैं कि यह सही निर्णय है। आप ऐसे उदाहरण बाइबिल में कई बार देख सकते है
(7)
एसा नहीं होता कि हम कहते है और परमेश्वर कर देता है – नहीं
बल्कि परमेश्वर बोलता है और हम उससे पूछते है  कभी-कभी तो जब हम उससे पूछते भी नहीं है । फिर भी उसकी ही इच्छा के अनुसार काम करते हैं और हम जानते हैं कि हमें क्या करना है –
 
 
 
अब मैं उन लोगो  के लिए कुछ कहना चाहता हूँ जो शायद सुन रहे हों और मुझे उम्मीद है कि वे सुन रहे हो  - वो  जो अपनी दीवारों और दरवाजों पर तेल को चिढ़कते हैं,
 
दुष्ट आत्माएँ छत से आ सकती हैं या जमीन से भी ।
 
आप जानते हैं ये चीजें आपको सुरक्षित नहीं रखेंगी। यह तेल नहीं है जो आपको सुरक्षित रखता है - यह परमेश्वर है। और केवल वह ही कर सकता है और मैं आपको इसके लिए बताना चाहता हूं कि,  सभी दोबारा जन्मे विश्वासी  जो अब तक इसे नहीं जानते,à हम पहले ही से सारी आध्यात्मिक आशीषे  प्राप्त कर चुके  हैं।
 
आपको बस यह समझना है कि वे क्या हैं। हम पहले ही परमेश्वर के सभी वादे प्राप्त कर चुके हैं।
 
आपको बस यह समझना है कि वे क्या हैं। उदाहरण के लिए,
इफिसियों 1:3 कहता है:
हमारे परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह के पिता का धन्यवाद हो कि उसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आत्मिक आशीष दी है।
 
 
आपको बस यह मानना है कि आप पहले से ही पवित्र आत्मा द्वारा अभिषिक्त  हो चुके हैं और सभी आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं। आपको इसमें और चीजें जोड़ने की जरुरत नहीं है।
 
जब लोग वे चीजें जो परमेश्वर ने हमें पहले ही दिए हैं ,उस में और चीजें जोड़ने की कोशिश करते हैं, तब वे अपने विश्वास पर पूरा भरोसा नहीं  रख पते ।
 
समस्या परमेश्वर में नहीं है – उन लोग में  हैं कि वे क्या मानते हैं।
 
 मैं यहाँ पर आपको एक बात क्लियर करना चाहता हूँ  -
 
आप अभिषिक्त  तेल का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन समझें कि शक्ति धार्मिक व्यक्ति की प्रार्थना से आती है, यानी आप परमेश्वर से मदद के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में, शक्ति परमेश्वर से आती है। तेल से नहीं
 
युहना 15 : 5
 मैं दाखलता हूँ: तुम डालियाँ हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।"
 
(8)
 
हां, पुरोहित अधिकारी मिलन स्थल पर तेल का उपयोग करते थे और उसे छिड़कते थे, आधिकारिक अवसरों पर, जैसे एक भाविश्य्दुवाकता, एक पुरोहित, या एक नए राजा पर छिडकाव करता थे , जो दिखाता था कि पवित्र आत्मा उन पर आ रहा है।
 
 लेकिन अब जब यीशु आए, हम सभी ने पवित्र आत्मा प्राप्त किया है। हम परमेश्वर का मंदिर हैं क्योंकि आपको पहले से ही धर्मी घोषित किया गया है, नहीं ?
 
 और इसका मतलब है कि आप अनुग्रह प्राप्त करने के लिए परमेश्वर की सिंहासन के सामने पहुंच सकते हैं और आप उसके सिंहासन के साथ निडरता और आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सकते हैं।
 
इब्रानियों 4: 16
इसलिए आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के निकट साहस बाँधकर चलें, कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ, जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे।
 
1 कुरंथियो 3: 16, 17  
क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो।
 
 
 
तो आप तेल का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन यह समझें कि शक्ति धार्मिक व्यक्ति की प्रार्थना में है। और फिर याद रखें 1 यूहन्ना कहता है:
 1 युहन्ना 2: 20
और तुम्हारा तो उस पवित्र से अभिषेक हुआ है, और तुम सब सत्य जानते हो।
 
 
हमेशा उस पर भरोसा करें जो यीशु ने क्रुस पर किया था उस पर भरोसा करें।
 
वह पीड़ा जिसे उसने सही। उस परिश्रम का भुगतान जिसे उसने खुद पर सहा। हमारे पापों के लिए परमेश्वर के क्रोध को।
 
वह धार्मिकता के लिय मर गया और फिर वह विजय की घोषणा करते हुए उठ गया। और उसके साथ हम भी –
 
इसीलिए जब हम यीशु को परमेश्वर और उद्धारक के रूप में स्वीकार करते हैं, तो हमें बप्तिस्मा दिया जाता है, क्योंकि हम उसके साथ मरते हैं। हमारा पुराना स्वभाव मर जाता है और हम यीशु मसीह में नए रूप में उठाए जाते हैं। तो हम यीशु के माध्यम से विजयी हुए हैं।
 
हमें उसमें एक नया आत्मा प्राप्त होता है जो हमें पाप और अन्याय को परास्त करने में मदद करता है और शैतान को भी।
 
 उस सत्य में विश्वास करें और उसमें कुछ भी न जोड़ें।
 
अगर आप जानना चाहते हैं कि कभी-कभी परमेश्वर आपकी प्रार्थनाओं का उत्तर क्यों नहीं देता है या आपको वह नहीं देता है जो आप चाहते हैं, जानेगे हमारी नेक्स्ट विडियो में।
 
अगर आप ने अभी तक wtl को सब्सक्राइब नहीं किया है तो मेरी आप से request है कि आप जल्दी से wtl को सब्सक्राइब कर से और साथ में बेल आइकॉन भी दबा दे ताकि हमारी नेक्स्ट विडियो का नोतिफ़िकतिओन सबसे पहले आपको मिल सक
 
 Thank you may god bless you stay tuned stay blessed

 अगर आप पोस्ट में कोई गलती देखे, तो whats app करे, 

धन्यवाद!





Products ख़रीदे =>



इसे भी देखे =>

क्या मसीही विश्वासी फ़िल्मी गाने सुन सकते है ?







विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे =>


 
 
 

Post a Comment

Previous Post Next Post

Rating