Is democracy biblical? | बाइबिल लोकतंत्र (Democracy) के बारे में क्या कहती है ?

Democracy/लोकतंत्र  क्या है ? क्या यह बाइबिल पर आधारित है?

विश्व इतिहास में टोटल 7 महाराज्य उत्पन्न हुए है जिसमे से 6 शाशक राजतंत्र थे लेकिन सिर्फ एक ही लोकतंत्र क्यों हुआ? ये लोकतंत्र या Democracy बाइबिल की किस भविष्यवाणी को पूरा कर रही है?

क्या democracy परमेश्वर की इच्छा है?, या फिर ये शैतान का एक षड्यंत्र है?

Democracy में मसीही विश्वासी या एक Christian व्यक्ति की क्या भूमिका है ?

और क्यों अब विश्व भर कि लोकतंत्र सरकारे डिक्टेटरशिप की ओर बढती जा रही है?




अगर आप एक विश्वासी है और आप भी सोच रहे है कि इस बार के election2024 में आपको किस सरकार या पार्टी को या किस नेता को वोट देना चाहिए और बाइबिल हमें इस बारे में क्या बताती है तो ये लेख बिलकुल आपके लिए है इस लेख को पूरा पढ़ना क्योकि ये विडियो आपके होश उड़ा सकती है


Democracy या लोकतंत्र की परिभाषा क्या  है ?-

लोगों द्वारा सरकार; सरकार का एक रूप जिसमें सर्वोच्च शक्ति लोगों में निहित होती है और एक स्वतंत्र चुनावी प्रणाली के तहत सीधे उनके द्वारा एक सरकार बना ली जाती है  

 

सरल भाषा में एक एसी सरकार जो लोगो की होती है , लोगो के दुवारा होती है , और लोगो के लिय होती है

Of the people , by the people and for the people

 

क्या आप समझ रहे है Democracy एक ऐसी सरकार है, जो लोगो दुवारा बनाई जाती है और इस सरकार में लोगो के फ़ायदे के हिसाब से लोग अपने कायदे कानून बनाते है

 

यह एक परमेश्वर विरोधी व्यवस्था है बिलकुल वैसे है जैसे नुह की जल परलय से पहले की सरकारे इस दुनिया में हुआ करती थी याद कीजिये  आदम के बड़े पुत्र कैन ने परमेश्वर के विरुद्ध अपनी ही एक व्यवस्था बना ली थी उसने बड़े बड़े नगर बसाये और उन नगरो में अपनी ही इच्छा पर चलने वाले लोगो की पीढ़ी थी, जो परमेश्वर के नहीं बल्कि अपने ही कायदे कानून पर चलते थे

इस समयकाल को Antediluvian Period कहा जाता है जब लोग बहुत ही ज्यादा क्रुर और अत्याचारी हुआ करते थे और दानवी रक्षस इस दुनिया पर राज किया करते थे अगर आपने वो विडियो नहीं देखि है तो आप i बटन पर जाकर वो विडियो देख सकते है

उस समय में भी लोग अपना लीडर अपनीं सरकार खुद ही चुना करते थे और अपने ही फायदे के हिसाब से अपने कायदे कानून बनाते थे ,

उसके बाद हम बाइबिल में देखते है कि नुह की बाढ़ के बाद जब निमरुद और उसके लोगो ने मिलकर परमेश्वर के विरुद्ध अपनी ही एक व्यवस्था बना ली थी और बाबुल की मीनार बना रहे थे तब भी परमेश्वर ने उस काम को रोक दिया था 

और जब लोगो ने फिर से परमेश्वर के विरुद्ध में जाकर अपने ही हिसाब की ज़िन्दगी जीना फिर से शुरू कर दिया था तब पत्मेश्वर ने अब्राहम के दुवारा एक पीढ़ी को चुना जो परमेश्वर पर आधारित होकर परमेश्वर के नियम और कानून पर चलेंगे और फिर मूसा के दुवारा परमेश्वर ने इन्सान के भले के लिए अपने नियम कानून दिए और आगे इस्रैलियो के मांगने पर उनको फिर एक राजा भी दिया “शाऊल“ और उसके बाद राजा दाउद भी 

ध्यान से बाइबिल पढने पर हम समझ सकते है कि जब परमेश्वर ने देखा कि इन्सान के मन से जो कुछ भी उत्पन होता है वो बुरा ही होता है तब परमेश्वर ने अपनी प्रजा के ऊपर एक राजा ठराया था एक ऐसा राजा जो परमेश्वर के नियम कानून पर चलता हो जैसे राजा दाउद |

तो जब इसरायली भी एक तरह से Democracy में चलने लगे थे मूसा के बाद तो परमेश्वर ने उनके ऊपर एक राजा ठहरा दिया था |

तो ये स्पष्ट हो जाता है कि राजा का राज्त्रन्त्र परमेश्वर की इच्छा से ही था और लोकतंत्र में परमेश्वर की इच्छा नजर नहीं आती है ,

और फिर प्रकाशितवाकय में भी हम देखते है कि इस दुनिया के न्याय के बाद 1000 साल तक हमारे राजा प्रभु यीशु मसीही का राज्य होगा – राईट

Democracy या लोकतंत्र में परमेश्वर की इच्छा नजर नहीं आती है

बल्कि यह तो शैतान का षड्यंत्र है इन्सान को परमेश्वर विरोधी बनाने के लिय हम इस षड्यंत्र को उत्पति से देखते आ रहे है जब कैन से अपने बड़े बड़े नगर बसा लिए और लोगो के मन में उस समय जो कुछ भी उत्पन होता था वह सब बुरा  ही होता था

उत्पति 6 : 5

यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है। 

विश्व इतिहास में हम देख सकते है अभी तक  7 महाराज्य उत्पन हुए है

  1. मिस्त्र 
  2. सीरिया 
  3. बेबीलोन 
  4. मीडो परसिया 
  5. ग्रीक 
  6. रोमन साम्राज्य
  7. Democracy 

और इन सातों में से सिर्फ एक बार ही  लोकतंत्र राज्य को देख सकते है


और आज तो दुनिया भर में democracy चल रही है???

ये भी परमेश्वर की  इच्छा से नहीं है बल्कि परमेश्वर की अनुमति से है , देखिये संसार में दो बाते होती है एक परमेश्वर की  इच्छा से और दूसरा उसकी अनुमति से , इन दोनों बातो में फर्क होता है कुछ चीचे जो इस संसार में हो रहे है उन में परमेश्वर की इच्छा शामिल नहीं है लेकिन फिर भी होती है जैसेकि बुराई , पाप , अत्याचार ये सब परमेश्वर की  इच्छा नहीं है, लेकिन इन सब को करने के लिए परमेश्वर ने शैतान को अनुमति दी हुई है ताकि परमेश्वर अच्छे को बुरे से अलग कर सके और दोषी को न्याय अनुसार दंड भी दे सके

परमेश्वर की इच्छा है कि वो इस संसार में शांति प्रेम आनद स्थापित कर सके  और परमेश्वर ऐसा एक चुटकी बजा कर कर सकते है और बुराई और शैतान को खत्म कर सकते है NO  doubt!

पर परमेश्वर नहीं चाहते कि इंसानों और स्वर्गदूतो में डर फ़ैल जाये , हमारे परमेश्वर डर से नहीं परन्तु प्रेम और अनुग्रह के साथ लोगो के दिलो पर राज करना चाहते है , इसीलिए वो शांति का राज्य लायेंगे पर उसके लिए परमेश्वर की  अपनी एक महान योजना है  उद्धार और अनुग्रह की योजना

तो Democracy जोकि लगभग पिछले 2000 साल से चल रही है यह परमेश्वर की इच्छा से नहीं है बल्कि अनुमति से है उस भाविश्वानी को पूरा करने के लिए जो दुनिया के अंत के साथ जुडी है उस Antichrist के साथ जुडी है और यीशु मसीह के दुबारा आगमन के साथ जुडी है


मति 24 :37 "जैसे नूह के दिन थे, वैसा ही मनुष्य के पुत्र का आना भी होगा।"

 

नुह के जल प्रलय से पहले भी democracy लोकतंत्र की ही सरकार हुआ करती थी

और अब साथ में हम प्रकाशितवाकय 17 : 8   से  देखते है

जो पशु तूने देखा है, यह पहले तो था, पर अब नहीं है, और अथाह कुण्ड से निकलकर विनाश में पड़ेगा, और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था, और अब नहीं; और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे। 

यह समझने के लिए एक ज्ञानी मन आवश्यक है: वे सातों सिर सात पहाड़ हैं, जिन पर वह स्त्री बैठी है।

और वे सात राजा भी हैं, पाँच तो हो चुके हैं, और एक अभी है; और एक अब तक आया नहीं, और जब आएगा तो कुछ समय तक उसका रहना भी अवश्य है।

 जो पशु पहले था, और अब नहीं, वह आप आठवाँ है; और उन सातों में से एक है, और वह विनाश में पड़ेगा।

तो यीशु मसीह के बाद हम देखते है कि धीरे धीरे विश्व भर में लोकतंत्र यानिकि Democracy का राज्य आता चला गया और ये फ़िलहाल 7वा राज्यकाल चल रहा है और इसी Democracy में से आगे फिर एक शाशक राज्य आने वाला है जिसको NWO या ONE WORLD GOVT  भी कहा जाता है और ये NWO ही वो बड़ा पशु है जिसके बारे में प्राकशित वाक्य 17 में बात की जा रही है

जो कि उन सात राज्य में से निकलकर आएगा

प्रका17 : 11 जो पशु पहले था, और अब नहीं, वह आप आठवाँ है; और उन सातों में से एक है, और वह विनाश में पड़ेगा।

इस बारे में एक डिटेल विडियो मेने आलरेडी बनाई हुई है  THE ANTICHRIST  आप i बटन पर जाकर देख सकते है     

तो दुनिया के अंत के पहले फिर से एक शाशक राज्य उठ खड़ा होगा जिसे NWO कहा जाता है और इस ONE BIG GOVT के सभी प्रेसिडेंट मिलकर अपना एक राजा चुनेगे जिसको  ANTICHRIST  कहा जता है और यही  ANTICHRIST दुनिया के अंत का कारन भी बनेगा

और वचन में लिखा है इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था, और अब नहीं; और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे।

तो जब Democracy ख़तम होने वाली होगी और फिर से शाशक राज्य आएगा तो लोगो को हैरानी तो जरुर होगी कि अब फिर से 2000 साल बाद Democry ख़तम होने जा रही है लेकिन ये होना जरुरी है और होगा भी क्योकि बाइबिल का एक बिंदु भी टल नहीं सकता

और येही कारण है कि अब आप देख सकते है कि जितने भी democratic देश है वह धीरे धीरे डिक्टेटरशिप की ओर  बढ़ते  जा रहे  है जिसमे इंडिया भी शामिल है  We are very very near to end times.

अभी आप देख सकते है जितने भी देशो में majority की सरकारे है वहा वहा पर डिक्टेटरशिप लागु किया जा रहा है , सीक्रेट सोसाइटी इल्लुमिनती इन देशो में लाखो करोडो रुपये खरचा कर रही है डिक्टेटरशिप लागु करने में , और फिर इन देशो के प्रेसिडेंट्स को कर्जे के तले दबाकर इनको NWO की govt. बनाने पर मजबुर कर देगी

NWO पर ये डिटेल विडियो आप i बटन पर जाकर देख सकते है


Secret society illuminati का गठन हुआ 1748-1830 में और legal marriage age लाया गया 1926  के आसपास
परमेश्वर के नियम के हिसाब से 12 से 14 की उम्र में शादी लायक लड़का लड़की हो जाते है लेकिन इन्सानो ने इसको बदल कर 18 से 22 साल कि उम्र तक कर दिया क्यों ?

ताकि एक युवक 14 साल की उम्र से ही व्यव्भिचार के पाप के बोझ तले दबता चला जाये क्युकी उसकी शादी ही 18  साल से पहले नहीं होगी और तब तक वह हस्तमैथुन करेगा और अश्लील फिल्मे दखेगा या व्यभिचार करता रहेगा

ये तो बस एक मामूली सा उदहारण है इल्लुमिनती ने जो संसार में परमेश्वर के विरुद्ध नियमो की साथ खिलवाड़ किया है याद रखिये Democracy के बिना ऐसे खिलवाड़ संभव नहीं थे

अब एक मसीही विश्वासी या Christian व्यक्ति की क्या भूमिका है इन दिनों में ?

याद कीजिये नींनवे शहर को जब वहा के राजा ने अपने पापो से मन फिराया तो राजा के साथ साथ उसकी पूरी प्रजा ने भी अपने पापो से मन  फिरा लिया था , क्या एक Democracy की सरकार में एसा होना संभव है – नहीं Impossible.

Democracy में लोग सबसे ज्यादा परमेश्वर विरोधी होते है और ये हम नुह के जल प्रलय से पहले भी देख चुके है जब लोग परमेश्वर के  विरुद्ध अपनी मनमानी चलाते थे

Democracy में लोग अपने प्रेसिडेंट के कहने से भी अपनी धार्मिक मान्यता को नहीं बदलते है

पर इतिहास में हमने देखा है कि जब एक राजा ने यीशु मसीही को स्वीकार किया तो उसके साथ उसकी पूरी प्रजा ने भी प्रभु को स्वीकार कर लिया , ये सब Democracy में संभव नहीं है –

Democracy शैतान का एक षड्यंत्र है परमेश्वर के विरुद्ध लोगो को तयार करने में ,

 तो परमेश्वर ने इस षड्यंत्र को अनुमति क्यों दी हुई है?, ताकि वे लोग भी परमेश्वर के सामने शर्मिदा हो सक्के जो परमेश्वर के सामने Day of Judgment में कह सकते थे कि हमने तो बस अपने राजा का ही धर्म follow किया 

जैसा हमारा राजा झूठे इश्वरो को पूजता था वैसे ही हम ने भी पूजा की हम तो राजा के अधीन थे,

हम पर कैसे दंड की आज्ञा आ सकती है सजा तो हमारे राजा को मिलनी चाहिए जिसके अधीन रहकर हमें ऐसा किया

तब परमेश्वर उन को कहेगा जब तुम Democracy में थे तब तुम्हे अपना सच्चा इश्वर चुनने का अधिकार था किसी राजा का तुम पर कोई जोर नहीं था , पर फिर भी तुमने झूठ से ही प्रेम रखा

 

इल्लुमिनती ने इसीलिए Democracy को लागु किया है कि प्रतिएक इन्सान पर परमेश्वर के विरुद्ध पाप करने का दोष लगाया जा सके |

TRY TO UNDERSTAND  

आपको अपने प्रभु यीशु मसीह का इंतज़ार करना है उसके आगमन तक विश्वास योग्य बने रहना है , याद रखिये  चाहे हो कोई सरकार यीशु मसीह का ही है अधिकार,

 

दुनिया इस समय डिक्टेटरशिप की और बढ रही है NWO की ओर

फिर से एक बार शाशक राज्य आने वाला है उस Antichrist का राज्य

आज आपको यह सोचने की जरुरत नहीं है कि आप किस सरकार को वोट दे या न दे आप किसी को भी वोट दे सकते है

पर मेरा आप से सवाल ये है कि क्या आपने अपना वोट यीशु मसीह को दे दिया है? क्या आप जानते है कि इन दिनों झूठे पास्टर, झूठे भविष्यदुवाकता और झूठा यीशु मसीही भी उठ खड़ा होगा?

क्या आप बाइबिल के यीशु मसीह को पहचानते है? 

क्या भेडे अपने चरवाह कि आवाज पहचानती है?

या फिर आप झूठे यीशु मसीह के जाल में फसने वाले है?

आप 2024  में इस बात की चिंता न करे कि आपका वोट किस सरकार के लिए जायेगा बल्कि चिता करे कि क्या आप  बाइबिल पड़ते है?, बाइबिल के यीशु मसीह को पहचानते है?, क्या आप सच्चे और झूठे पर्चारको ,पस्तेरो भविष्यदुवाक्ताओ और झूठे यीशु को पहचानने का ज्ञान रखते है?

याद रखिये आपका वोट सच्चे यीशु मसीही को जाना जरुरी है, अच्छी कलीसिया को जाना जरुरी है, बाइबिल को जाना जरुरी है – आमीन

 

May MAY GOD BLESS YOU AND YOUR FAMILY

STAY TUNED STAY BLESSED      

 


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