परमेश्वर शरणस्थान
Parmeshwar Sharansthan (Lyrics)
परमेश्वर शरणस्थान और बल हमारा है
सहायक संकट में जो सहज ही मिलता है
इसलिए कोई दर नहीं है चाहे पृथ्वी उलट जाए
और सरे पर्वत चाहे डोलकर बीच समुन्दर जा
पड़े |
चाहे गरजे भी समुद्र, उसका जल जो फेनाए
और उसके विस्तार के कारण सारे पर्वत काँप
उठें |
एक नदी की नहरों से परमप्रधान के नगर में
जो है, निवास यहोवा का, उसमें आनंद होता है |
परमेश्वर उसके बीच में है वह न कभी भी
टलेगा,
पौ फटते ही प्रभु उसकी नित्ये
सहायता करेगा |
जाति-जाति गरज उठें, राज्य, डगमगा उठे
पृथ्वी तक पिघल जाए ईशवर जब भी बोल उठे |
सेनाओं का जो यहोवा संग हमारे है सदा
याकूब का अनंत परमेश्वर गढ़ हमारा है
ऊँचा |
Parmeshwar
Sharansthan Aur Bal Hamara Hai
Sahayak
Sankat Mein Jo Sehej Hi Milta Hai
Isliye Koi Dar Nahi Hai Chahe Prithvi Ulat Jaye
Aur Saare
Parvat Chahe Dolkar Beech Samundar Ja Pade
Chaahe Garje Bhi Samundra, Uska Jal Jo Fenaye
Aur Uske
Vistaar Ke Karan Sare Parvat Kanp Uthey
Ek Nadi Ki Nehron Se Parampradhan Ke Nagar Mein
Jo Hai,
Niwas Yehova Ka, Usme Anand Hota Hai
Parmeshwar Uske Beech Mein Hai Veh Na Kabhi Bhi Talega.
Pao Phat
Te Hi Prabhu Uski Nitye Sahayta Karega
Jati-Jati Garaj Uthey, Rajya, Dagmaga Uthe
Prithvi
Tak Pighal Jaye Ishvar Jab Bhi Bhol Uthey
Senao Ka Jo Yehova Sang Hamare Hai Sada
Yakoob Ka
Anant Parmeshwar Gad Hamara Hai Uncha
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