सुन ! मुक्तदाता आता है | Sun Muktdata Aata Hai (Lyrics)

 सुन ! मुक्तदाता आता है

 Sun Muktdata Aata Hai (Lyrics)


सुन ! मुक्तदाता आता है 

जो आनेवाला था ;

हर मन-सिंहासन उसका हो

हर शब्द हो स्तुति का |

 

वह आता हर एक पापी को 

छुड़ाने पापों से,

टूट जाते उसके आने पर,

सब बंधन लोहे के |

 

वह आता सब के मन पर से 

पर्दा हटाने को 

और ज्योत आनंद भी आखों में 

अंधों की डालने को |

 

वह आता टूटे मानों को 

बाँध देने कृपा से 

और धनी करने दीनो को 

धन से अनुग्रह के |

 

नित तुझे कुशल के प्रधान

हम धन्य कहेंगे 

और तेरे जय-जयकार का गान 

सब स्वर्ग में करेंगे |

 


Sun Muktdata Aata Hai

Jo Aanewala Tha

Har Man-Singhasan Uska Ho

Har Shabd Ho Stuti Ka

 

Veh Aata Har Ek Papi Ko

Chudane Papon Se,

Toot Jate Uske Aane Par,

Sab Bandhan Lohe Ke

 

Veh Aata Sab Ke Man Par Se

Parda Hatane Ko

Aur Jyot Anand Bhi Aankhon Mein

Andhon Ki Daalne Ko

 

Veh Aata Toote Mano Ko

Bandh Dene Kripa Se

Aur Dhani Karne Deeno Ko

Dhan Se Anugrah Ke

 

Nit Tujhe Kushal Ke Pradhan

Ham Dhanya Kahenge

Aur Tere Jai-Jaikar Ka Gaan

Sab Swarg Mein Karenge

 

  • अगर आप इस लेख में कोई गलती देखे तो हमें कमेंट बॉक्स में बताइए _धन्यवाद !


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