प्रार्थना क्या है?
प्रार्थना
की सबसे बुनियादी परिभाषा “परमेश्वर से बात करना” है प्रार्थना का अर्थ मनन करना या चुपचाप
बैठकर चिंतन करते रहना नहीं है; यह परमेश्वर से सीधे बात करना है। यह मनुष्य की आत्मा और उसके सृष्टिकर्ता
परमेश्वर के बीच में होने वाली बातचीत है। प्रार्थना वह प्राथमिक मध्यम है जिसके
द्वारा प्रभु यीशु का विश्वासी अपनी भावनाओं और चाहतों को परमेश्वर के सामने रख
सकता है और परमेश्वर के साथ संगति कर सकता है।
प्रार्थना
बोलकर भी की जा सकती है और शांत रहकर भी; अकेले में भी की जा सकती है और सबके
सामने भी; औपचारिक रूप में भी की जा सकती है और अनौपचारिक रूप में भी। प्रत्येक प्रार्थना विश्वास के साथ की जानी
चाहिए (याकूब 1:6), प्रभु यीशु के नाम में की जानी चाहिए (यूहन्ना 16:23), और पवित्र आत्मा के सामर्थ्य में की जानी चाहिए
(रोमियो 8:26) ।
बाइबल
में प्रार्थना को परमेश्वर की कृपादृष्टि प्राप्त करना (निर्गमन 32:11), अपने मन की बात खोलकर प्रभु के सामने रखना (1 शमूएल 1:15), स्वर्ग की और दोहाई देना (2 इतिहास 32:20), परमेश्वर के समीप आना (भजन 73:28) और पिता के सामने घुटने टेकना (इफिसियों 3:14) कहा गया है।
पौलुस
ने इस प्रकार लिखा, “किसी बात की चिंता मत करो, बल्कि हर परिस्थिति में धन्यवाद
सहित प्रार्थना और विनय के साथ अपनी याचना परमेश्वर के सामने रखते जाओ। इसी से परमेश्वर की ओर से मिलने वाली शांति,
जो समझ से परे हैं तुम्हारे हृदय और तुम्हारी बुद्धि को मसीह यीशु में सुरक्षित
बनाए रखेगी” (फिलिपियों 4:6_7) ।
परमेश्वर
चाहता है कि हम हर मसले के बारे में उससे बात करें। हमें कितनी बार और कितनी देर प्रार्थना करनी
चाहिए? बाइबल का उत्तर इस प्रकार है, “प्रार्थना करना कभी ना छोड़ो” (1 थिस्सलुनीकियो 5:17)। परमेश्वर के साथ हमारी बातचीत सारा दिन चलती
रहनी चाहिए। कुछ लोगों को प्रार्थना का कोई खास तरीका पसंद
होता है, लेकिन बाइबल में प्रार्थना का कोई विशिष्ट तरीका नहीं बताया गया है कि
हमें प्रार्थना कैसे करनी चाहिए हमें बस प्रार्थना करनी है। हम किसी भी परिस्थिति में प्रार्थना कर सकते
हैं। प्रार्थना परमेश्वर के साथ हमारे संबंध को विकसित
करती है और उस पर हमारे पूर्ण भरोसे तथा आश्रय को प्रगट करती है।
बाइबल
में प्रार्थना के अनेक उदाहरण और प्रार्थना करने के विभिन्न प्रोत्साहन दिए गए हैं
(लूका 18:1, रोमियो 12:12 और इफिसियो 6:18)। परमेश्वर का भवन प्रार्थना का भवन होना चाहिए
(मरकुस 11:17) और परमेश्वर के लोगों को प्रार्थना के लोग होना
चाहिए: “प्रिय मित्रों, तुम एक दूसरे को आध्यात्मिक रूप से अपने अति पवित्र
विश्वास से सुदृढ़ करते रहो। पवित्र आत्मा के साथ प्रार्थना करो। हमारे प्रभु यीशु मसीह की करुणा की बाट जोहते हुए,
जो तुम्हें अनंत जीवन तक ले जाएगी परमेश्वर की भक्ति में लीन रहो” (यहूदा 1:20_21) ।
नया साल नई आशा और नया आरंभ लाता है नए साल का प्रारंभ अतीत के बारे में सोचन, अपने मसीही विश्वासी जीवन का आंकलन करने और भविष्य में परमेश्वर दुवारा दिखाए जाने वाले मार्ग पर लगाने का एक उत्तम समय होता है ।
कुछ
समय निकालकर परमेश्वर के साथ बैठे और अपनी आत्मिक स्तिथि का आंकलन कर, जिसमे आप इस
नववर्ष के उपलक्ष्य पर विश्वासियो के लिए तैयार कि गई इन प्रर्थनाओ को उपयोग में
ला सकते है
यशायाह 43 :18-20
18 अब बीती हुई घटनाओं का स्मरण मत करो,
न
प्राचीनकाल की बातों पर मन लगाओ।
19
देखो, मैं एक नई बात करता हूँ;
वह
अभी प्रगट होगी, क्या तुम उससे अनजान रहोगे?
मैं
जंगल में एक मार्ग बनाऊँगा और निर्जल देश में नदियाँ बहाऊँगा।
20
गीदड़ और शुतुर्मुर्ग आदि जंगली जन्तु मेरी महिमा करेंगे;
क्योंकि
मैं अपनी चुनी हुई प्रजा के पीने के लिये जंगल में जल और निर्जल देश में नदियाँ
बहाऊँगा।
1. हमारा बल होने के लिए प्रार्थना
है विश्वासयोग्य
पिता परमेश्वर,
आपका वचन हमें बताता है कि हमें आप पर और आपके बल पर हमेशा भरोसा रखना चाहिए और हमेशा आपकी उपस्तिथि में रहना चाहिए ।
आपने जो आश्चर्यकर्म हमारे जीवन में किए है, जो चमत्कार किए है और जो ऐलान किए है, उनके लिए हम आपका धन्यवाद करते है। हम उन्हें भूले नहीं है।
हम जानते है कि जैसे पिछले साल में (आरम्भ से ही) आप हमारे लिए विश्वासयोग्य रहे है, वैसे ही इस साल भी आप हमारे लिए विश्वासयोग्य रहेंगे।
इसलिए हमें आने वाले कल की चिंता करने की जरुरत नहीं है, क्योकि हमारे बीते समय ने हमें दिखाया है कि आप हमेसा विश्वासयोग्य बने रहते है और हमेसा हमारे जीवन में क्रियाशील रहते है।
प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!
यहोवा मेरा बल और मेरी ढाल है; उस पर भरोसा रखने से मेरे मन को सहायता मिली है; इसलिए मेरा हृदय प्रफुल्लित है; और मैं गीत गाकर उसका धन्यवाद करूँगा। (भजन 28:7)
2. हमारी चट्टान होने के लिए प्रार्थना
ये
प्यारे परमेश्वर,
हरएक भला और उत्तम वरदान ऊपर से आता है; हे प्रकाश के पिता, आपकी ओर से आता है; आप कभी बदलते नहीं है और सदा एक समान रहते है।
हम आपका धन्यवाद करते है कि इस बदलते संसार और बदलते समाज के बीच में और अपने स्वयं के बदलते हुए व्यक्तित्व के बावजूद हम आप पर भरोसा कर सकते है, क्योकि आप न तो कभी बदलते है और न ही कभी अपने वचन से पीछे हटते है।
जब हम इस नए साल में प्रवेश करने जा रहे है, हम ये ऐलान करते है कि आप हमारी चट्टान है और आने वाले इस पुरे साल में आप हमारी चट्टान बने रहेंगे। हम आप पर निर्भर रहेंगे, क्योकि हम जानते है कि हम सारे भले उत्तम वरदान आप ही से पाते है।
प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!
यहोवा मेरी चट्टान, और मेरा गढ़ और मेरा छुड़ानेवाला है;
मेरा
परमेश्वर, मेरी चट्टान है, जिसका मैं शरणागत हूँ,वह मेरी
ढाल
और मेरी उद्धार का सींग, और मेरा ऊँचा गढ़ है। (भजन 18:2)
3. रास्ता बनाने के लिए प्रार्थना
हे
प्रभु यीशु,
इस समय हम ये निर्णय करते है कि हम पिछली बातो को भुला देंगे और अतीत में उलझे नहीं रहेंगे।
हम जानते है कि इस नववर्ष में आप हमारे जीवन में नई बाते करने जा रहे है! अब जब इस नए साल की शुरुवात हो रही है, हम देख सकते कि आप मरुस्थल में मार्ग और सूखी जमीन में नदिया बना रहे है।
इस नै ऋतू में हम उसकी अपेक्षा करंगे जिसकी अपेक्षा करना संभव नहीं है, क्योकि आप वहाँ पर भी मार्ग तैयार करते है जहाँ से उसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। आप उस समय सब कुछ का बंदोबस्त कर देते है, जब कही से कुछ भी आने की उम्मीद नहीं होती है।
प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!
14 तुम्हारा छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र
यहोवा यह कहता है,
“तुम्हारे निमित्त मैंने बाबेल को भेजा है, और उसके सब रहनेवालों को भगोड़ों की दशा में और
कसदियों को भी उन्हीं के जहाजों पर चढ़ाकर ले आऊँगा जिनके विषय वे बड़ा बोल बोलते
हैं।
15 मैं यहोवा तुम्हारा पवित्र, इस्राएल का सृजनहार, तुम्हारा राजा हूँ।”
16 यहोवा जो समुद्र में मार्ग और प्रचण्ड धारा में
पथ बनाता है,
(यशायाह 43:14-16)
4. मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना
हे
पिता,
इस नए साल के आरम्भ में हम विनती करते है कि आप हमें अपनी दिव्य योजनाए दिखाए और जिस रास्ते में हमें चलना है उस मार्ग पर ले चले, ताकि इस नववर्ष में हम आपकी इच्छा के अनुरूप जी सके।
समझदार व्यक्ति पहले से योजना बना लेता है, लेकिन मुर्ख इन्सान ऐसा नहीं कर पाता और अपनी मुर्खता में रहता है।
हम ये ऐलान करते है कि इस नए साल में हम बुद्धिमानो के समान जीयेंगे, लेकिन साथ ही हम ये भी प्रार्थना करते है कि हमारे भविष्य से जुडी योजनाओ और विचारो को आपका मार्गदर्शन मिले और ये सब उन बातो के अनुसार हो जो योजनाए आपने हमारे लिए बनाई है।
7
जब किसी का चालचलन यहोवा को भावता है, तब वह उसके शत्रुओं का भी उससे मेल कराता है।
8
अन्याय के बड़े लाभ से, न्याय से थोड़ा ही प्राप्त करना उत्तम है।
9
मनुष्य मन में अपने मार्ग पर विचार करता है, परन्तु यहोवा ही उसके पैरों को स्थिर करता है।
(नीतिवचन
16:7-9)
5. नई वृद्धि के लिए प्रार्थना
हे
मुक्तिदाता यीशु,
हम ये घोषणा करते है कि हम अपने जीवन की सारी चिंताए आप पर डाल देंगे, क्योकि आप हमारा ध्यान रखते है ।
हे पिता, आप जानते है कि यह दुनिया लोगो पर दबाव डालती है और उन्हें आपकी इच्छा में जीने नहीं देती बल्कि उनको डर, चिंता, और तनाव में जीने के लिए मजबूर करती है।
हम विनती करते है कि इस नए साल में चिंताए हमारे पास भी न आए, क्योकि हम ये जानते है कि जो योजनाए आपने हमारे लिए बनाई है, वे हमारे लिए सर्वोत्तम है!
हम
जानते है कि यह नववर्ष हमतरे लिए नई आशीषे, नए अनुभव और नई वृद्धि लायेगा।
प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!
6 इसलिए, जैसे तुम ने मसीह यीशु को प्रभु करके ग्रहण कर लिया है, वैसे ही उसी में चलते रहो।
7 और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो। (कुलुस्सियो 2:6-7)
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