चर्च सभाओं का आरंभ और समापन करने के लिए प्रार्थनाए










किसी बाइबल अध्यन या चर्च सभा या अन्य किसी भी सभा का आरम्भ और समापन कने के विभिन्न तरीको में से एक तरीका यह है कि परमेश्वर की ओर से आने वाली सुरक्षा और प्रेरणा के लिए उसका धन्यवाद किया जाए।

 

सभाओ को शुरू करने और समापन करने के लिए कुछ प्रार्थनाए इस प्रकार हो सकती है, जिनसे इश्वर के प्रति आपके समर्पण और प्रतिबद्धता को प्रोत्साहन मिल सकता है।

 

 

(2थिस्सलुनीकियो 1:3-5)

 

3 हे भाइयों, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिए कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और आपस में तुम सब में प्रेम बहुत ही बढ़ता जाता है।

4 यहाँ तक कि हम आप परमेश्वर की कलीसिया में तुम्हारे विषय में घमण्ड करते हैं, कि जितने उपद्रव और क्लेश तुम सहते हो, उन सब में तुम्हारा धीरज और विश्वास प्रगट होता है।

5 यह परमेश्वर के सच्चे न्याय का स्पष्ट प्रमाण है; कि तुम परमेश्वर के राज्य के योग्य ठहरो, जिसके लिये तुम दुःख भी उठाते हो।





1.धन्यवाद की प्रार्थना के साथ प्रवेश करे

 

े स्वर्गीय पिता,

 

आपका धन्यवाद कि आप अनुग्रहकारी और दयावान है, क्रोध करने में धीमे और प्रेम से भरे है। आज हम आपके भवनो में धन्यवाद करते हुए प्रवेश करते है और आपके अंगनो में स्तुति करते हुए आते है।

 

हम आपका धन्यवाद करते है कि आपने हमे अनेक प्रकार से आशीषे ी है।

आपके महान प्रेम के लिए हम आपकी स्तुति करते है। हम आपका धन्यवाद करते है कि हम आपकी महान उपस्तिथि में आ सकते है।

 

हमारी विनती है कि विश्वास के दुवारा यीशु मसीह हमारे हृदयों में वास करे ताकि हम उसके प्रेम में जड़े पकडे और मजबूत बन जाये तथा प्रभु के उस ्रेम को जान सके दुनिया के सारे ज्ञान से परे है। हमारी प्रार्थना है कि हम परमेश्वर की परिपूर्णता से भर जाए।

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(1.थिस्सलुनीकियो 1:2)

 

2 हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं,   



2.परमेश्वर की उपस्तिथि के लिए प्रार्थना

 

हे प्रभु, हमारी चट्टान,

 

हम सभी आपका धन्यवाद करते है कि आप विश्वासयोग्यता में सिद्ध है

आप तो कभी भूलते है और ही कभी असफल होते है और ही अपने वचन से पीछे हटते है

 

आपने प्रतिज्ञा की है कि ब भी आपके लोग आपके नाम से इक्कठा होते है, तो आपकी उपस्तिथि उनके बीच में होती है। हे प्रभु, आँखे आप पर टिकी हुई है और हमारे कान आपकी आवाज को सुनने के लिए तत्पर रहे। जब हम आपकी आराधना करते है, तो आप हमारे उद्धार के आनंद को हम में पुनः स्थापित कर दीजिए।

 

हमारी प्रार्थना है कि हम अपने प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और प्रेम में बढ़ते चले जाए। आज और हमेशा आप ही को आदर और महिमा मिलती रहे।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

 

( 1थिस्सलुनीकियो 1:1-2)

1 पौलुस और सिलवानुस और तीमुथियुस की ओर से थिस्सलुनीकियों की कलीसिया के नाम जो पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह में है। अनुग्रह और शान्ति तुम्हें मिलती रहे।

2 हम अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण करते और सदा तुम सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं,






3.हमारी स्तुति में विराजमान होने की प्रार्थना

 

हे परमपिता,

 

आपका धन्यवाद कि आप हमारा बल और हमारे गीतों का विषय है। आप ही जो हमारे दिलो को आनंद से भरते है। आज जब हम यहाँ इक्कठे हुए है, तो आपके अद्दभुत कामो को याद करके अपने मनो की गहराइयों से आपको धन्यवाद करते है।

 

जब हम आपके नाम को ऊँचा उठाते है, तो हमारे मन आनंद से भर जाए। हे प्रभु आज आप हमारी स्तुति में विराजमान हो जाइये। हम ख़ुशी मनाये क्योकि हम ये जानते है कि न तो मृत्यु, न जीवन, न स्वर्गदूत, न प्रधानताए, न वर्तमान, न भविष्य, न ऊंचाई, न गहराई और न ही सृष्टी की कोई अन्य वस्तु हमें आपके प्रेम से अलग कर पायेगी।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

( 1थिस्सलुनीकियो 1:4-5)

 

4 और हे भाइयों, परमेश्वर के प्रिय लोगों हम जानते हैं, कि तुम चुने हुए हो। §

5 क्योंकि हमारा सुसमाचार तुम्हारे पास न केवल वचन मात्र ही में वरन् सामर्थ्य और पवित्र आत्मा, और बड़े निश्चय के साथ पहुँचा है; जैसा तुम जानते हो, कि हम तुम्हारे लिये तुम में कैसे बन गए थे।

 


4.मिलकर आराधना करते समय प्रार्थना

 

हे पिता,

आज हम आपका धन्यवाद करते है और सब मिलकर आपके नाम को धन्य कहते है। केवल आप ही भले है और आपका स्थाई प्रेम सदा सदा के लिए है।

 

आपकी विश्वासयोग्यता पीढ़ी दर पीढ़ी बनी रहती है। आज जब हम यहाँ एक साथ इक्कठा है, हमारी विनती है कि आप हमारे मनो और मुखो को आपकी स्तुति से भर दीजिये। हमारे विचारो  और हृदयों को सुरक्षित रखिये, ताकि जब अपने जीवन के हर क्षेत्र में आपकी महिमा कर सके।

 

आपका नाम सब नामो से ऊँचा है और सभी राजाओ के ऊपर राजा है। आशीष और महिमा, बुद्धि और धन्यवाद, आदर तथा अधिकार प्र सामर्थ्य सदा सर्वदा हमारे परमेश्वर ही का है।

 

 प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(व्यवस्थाविवरण 10:21 )

 

वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तुम्हारा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्व के और भयानक काम किए हैं, जिन्हें तूने अपनी आँखों से देखा है।

 

 

 



5.एक साथ जमा होने पर प्रार्थना

 

हे सामर्थी परमेश्वर,

 

आपका धन्यवाद कि आप हमारी प्रर्थनाओ को सुनते और उनके उत्तर देते है

हमारी प्रर्थनाओ को सुने और आज आप हमारी सभा में उपस्थित रहे।

 

आपका धन्यवाद कि आपकी हुजूरी हमारे जीवन में तूफानी समुद्र को भी शांत कर देती है और हमारे हृदयों में शांति भर देती है। जब हम यहाँ जमा हुए है, तो हमारी प्रार्थना है कि साफ़ स्पस्ट मन और शांत दिल दीजिये।

 

आपकी असीम दया के अनुसार आपने प्रभु यीशु मसीह के पुनरुथान के माध्यम से हमें एक नई आशा के साथ नया जन्म दिया है।

 

हमारी विनती है कि हम आपके उद्धार के प्रकाश में जीए और उस आजादी का अनुभव कर सके जो आपने हमे दी है

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(व्यवस्थाविवरण 10:21 )

 

21 वही तुम्हारी स्तुति के योग्य है; और वही तुम्हारा परमेश्वर है, जिसने तेरे साथ वे बड़े महत्व के और भयानक काम किए हैं, जिन्हें तूने अपनी आँखों से देखा है।

 




  • अगर आप इस लेख में कोई गलती देखे तो हमें कमेंट बॉक्स में बताइए _धन्यवाद !








इसे भी पढ़े =>> 

[***] 📙📱  Products  ख़रीदे = click here 


📸  PHOTO GALLERY 📸 


Post a Comment

Previous Post Next Post

Rating