ईस्टर के लिए प्रार्थनाए || Prayers for Easter





यीशु मसीह की मृत्यु और फिर से जी उठना परमेश्वर की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। गुड फ्राइडे उसी बड़ी योजना के हिस्से का शुभ आरंभ था, जिसके माध्यम से इश्वर का सबसे बड़ा उपहार आने वाला था। गुड फ्राइडे की सभा के लिए मुख्य प्रार्थनाए इस प्रकार है।    

                                                          (1 पतरस 3: 18-22)

18 इसलिए कि मसीह ने भी, अर्थात् अधर्मियों के लिये धर्मी ने पापों के कारण एक बार दुःख उठाया, ताकि हमें परमेश्वर के पास पहुँचाए; वह शरीर के भाव से तो मारा गया, पर आत्मा के भाव से जिलाया गया।

19 उसी में उसने जाकर कैदी आत्माओं को भी प्रचार किया।

20 जिन्होंने उस बीते समय में आज्ञा न मानी जब परमेश्वर नूह के दिनों में धीरज धरकर ठहरा रहा, और वह जहाज बन रहा था, जिसमें बैठकर कुछ लोग अर्थात् आठ प्राणी पानी के द्वारा बच गए।

21 और उसी पानी का दृष्टान्त भी, अर्थात् बपतिस्मा, यीशु मसीह के जी उठने के द्वारा, अब तुम्हें बचाता है; उससे शरीर के मैल को दूर करने का अर्थ नहीं है, परन्तु शुद्ध विवेक से परमेश्वर के वश में हो जाने का अर्थ है।

22 वह स्वर्ग पर जाकर परमेश्वर के दाहिनी ओर है; और स्वर्गदूतों, अधिकारियों और शक्तियों को उसके अधीन किए गए हैं।








1. आजीवन समर्पण

की प्रार्थना

 

हे उद्धारकर्ता प्रभु,

 

हम धन्य है कि हमे आपके दुखो में भागी होने का अवसर मिलता है आपने अपने हृदय में इतना विशेष स्थान दिया है ये सोच कर हम भावुक हो जाते है कि आपने हमारे  लिए इतने दुःख उठाये।

 

आपका असीम प्यार हमें आपकी अभारयुक्त सेवा में लगाए रखता है उस मेमने के लिए समर्पित रखता है, जिसे संसार की उत्पत्ति से ही वध कर दिया गया था, वह मेमना जो जगत से भार को उठा ले जाता है।

 

इन सब के लिए हमारा एकमात्र प्रतिउत्तर येही है कि हम अपने सारे दिल से, सारे प्राण से और अपनी आत्मा से प्रेम करते है।

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

                                           

                                     (मति 16 : 24-25 )

 24 तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।

25 "क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहे, वह उसे खोएगा; और जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा, वह उसे पाएगा।"





2. दुःख और धन्यवाद

की प्रार्थना

 

हे पवित्र परमेश्वर,

 

हम अपने आंसुओ को यह सोच कर रोक नहीं पाते कि आपने हमारे पापो और निर्बलताओ को अपने ऊपर उठा लिया।

 

आपने हमारे दुखो को अपने ऊपर उठा लिया। हमारे अधर्म के कारण आपको बेधा गया। अपने हमारे ऊपर के दंड को सह लिया और हमको शांति दी। आपने कोड़े खाए जिससे हमें चंगाई मिली।

 

हम आपके पैरो में गिरकर आपकी कृपादृष्टि मंगाते है। हे हमारे प्यारे प्रभु, हम आपका धन्यवाद कैसे कर सकते है? हम प्रार्थना करते है कि आपके लिए हमारा प्रेम कभी समाप्त न हो!

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

                                     

                                            (युहन्ना 3: 16-17)

 16क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।

17 "परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा, कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।" 



















3. मेमने को समर्पित

प्रार्थना

 

हे यीशु,

 

आपको तुच्छ जाना गया और ठुकराया गया। आप चुप रहे और चुपचाप चलते गए जैसे मेमना वध होने के लिए चुपचाप चला जाते है।

 

आपने हमारे छुटकारे के लिए अपना जीवन दे दिया। हमारी आत्मा पुकार-पुकारकर कहती है, जो मेमना वध किया गया था वो आशीष और आदर, महिमा और सामर्थ्य, अधिकार और शक्ति के योग्य है!

 

यीशु आपने अपने लहू के दुवारा हर जाति और भाषा और देश में से अपने लिए लोगो को मोल लिया है!

 

हम ये प्रार्थना करते है कि आपके छुटकारे के सन्देश को पृथ्वी के छोर तक ले जाने पाए।

 

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

                                                    (मरकुस 9:31)

 31 क्योंकि वह अपने चेलों को उपदेश देता और उनसे कहता था, “मनुष्य का पुत्र, मनुष्यों के हाथ में पकड़वाया जाएगा, और वे उसे मार डालेंगे; और वह मरने के तीन दिन बाद जी उठेगा।” 





4. मसीह मन पाने

के लिए प्रार्थना

 

हे यीशु मसीह,

 

हमारी विनती है कि हमारा मन वैसा ही जो जाये जैसा उस समय आपका मन था, जब आपने अपने आप को खाली कर दिया, पर फिर भी आप प्रेम से भरे रहे, आपने अपने शाही अधिकारों और एश्वर्य को त्याग दिया, आप मनुष्य जाति के सेवक बन गए और आखिरकार आपने अपने आप को इतना दीन कर दिया कि आप क्रूस पर अपनी मृत्यु तक आज्ञाकारी बने रहे।

 

हमारी विनती है कि हम भय के साथ कांपते हुए इस जगत में ज्योति के समान चमकते रहे।

 

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

   

                                                (रोमियो 12: 1-2)

 इसलिए हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिलाकर विनती करता हूँ, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ; यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।

2 और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो।






5. मसीह पर आँखे लगये रखने

के लिए प्रार्थना

 

हे जीवन के सोते,

 

हमारी प्रार्थना है कि कि हमारे विश्वास के करता यीशु मसीह पर हमारी आंखे लगाए रखने में हमारी मदद कर, वोही है जो हमारे विश्वास को आरम्भ और सिद्ध करता है। उसके सामने जो आनन्द रखा था, उसके कारन उसने क्रूस को सह लिया और अब वह पिता के दाहिने हाथ विराजमान होकर हमारे लिए निरंतर मध्यस्थी करता है।

 

हे प्रभु हमें याद दिलाते रहिये कि हमारे प्रेमी उद्धारकर्ता ने हमारे लिए क्या क्या सहा है, ताकि हम निराश होकर साहस न छोड़ दे। आप हमारी सहायता करे कि जो दौड़ हम दौड़ रहे है उसमे हम धीरज के साथ दौड़ पाए।

 

 

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

                                                (2 कुरंथियो 4: 6-7)

 6 इसलिए कि परमेश्वर ही है, जिस ने कहा, “अंधकार में से ज्योति चमके,” और वही हमारे हृदयों में चमका, कि परमेश्वर की महिमा की पहचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।

7 परन्तु हमारे पास यह धन मिट्टी के बरतनों में रखा है, कि यह असीम सामर्थ्य हमारी ओर से नहीं, वरन् परमेश्वर ही की ओर से ठहरे।


 

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