प्रभु भोज के लिए प्रार्थनाए | Prayers for holy communion




दुनियाभर के चर्च प्रभु भोज में शामिल होते है। इस भक्तिपूर्ण समय में शांत भाव में रहते हुए प्रभु भोज में शामिल होने से पहले प्रार्थनाए की जाती है और मनन में समय बिताया जाता है। प्रभु भोज के दौरान इन प्रर्थनाओ को किया जा सकता है।

 

(1 कुरंथियो 11:23-29)

23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुँची, और मैंने तुम्हें भी पहुँचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात पकड़वाया गया रोटी ली,

24 और धन्यवाद करके उसे तोड़ी, और कहा, “यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।

25 इसी रीति से उसने बियारी के बाद कटोरा भी लिया, और कहा, “यह कटोरा मेरे लहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो।

26 क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो।

27 इसलिए जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लहू का अपराधी ठहरेगा।

28 इसलिए मनुष्य अपने आप को जाँच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए।

29 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है।






1.वाचा की प्रार्थना

 

हे प्यारे प्रभु,

हम आपका दिल से धन्यवाद करते है कि आपने अपने पुत्र यीशु को भेजा, जिसने रोटी ली और धन्यवाद के साथ उसको तोडा और कहा “लो, इसे खाओ यह मेरी देह है।”

आपके पुत्र ने कटोरा लिया और उसके लिए धन्यवाद दिया। फिर उसने वह कटोरा अपने शिष्यों को दिया और उन सभो ने उस से पिया। यीशु ने वह कटोरा उन्हें देते हुए कहा “यह मेरा लहू है जो एक नई वाचा को बंधता है। यह बहुत लोगो के लिए बहाया जा रहा है।” हे प्रभु, आज जब हम यहाँ इक्कठा हुए है, हम आपका धन्यवाद करते है हमारे लिए आपके दुवारा किये गए बलिदान में शामिल होते है।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!



(मति 26:26-28)
 
26 जब वे खा रहे थे, तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष माँगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।
27 फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ,
28 "क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये पापों की क्षमा के लिए बहाया जाता है।"






2.सच्चे भोजन के लिए प्रार्थना

 

हे पिता परमेश्वर,

आपका वचन कहता है कि जब तक हम मनुष्य के पुत्र का मांस न खाए और उसका लहू न पीए, तब तक हमे जीवन नहीं मिल सकता!

जो आपका मांस खाता है और आपका लहू पीता है, उसे अनन्त जीवन मिलता है और आप उसे अंतिम दिन जीवित कर देंगे, क्योकि आपका मांस सच्चा भोजन और आपका लहू सच्चा पेय है।

हम आपका दिल से धन्यवाद करते है कि आपने हमें जीवन दिया है! हम यहाँ एकत्रित हुए है क्योकि प्रभुभोज के दुवारा हमें आप से बहुतायत का जीवन मिलता है।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(यशायाह 53;4-6)

4 निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दुःखों को उठा लिया; तो भी हमने उसे परमेश्वर का मारा-कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा

5 परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी कि उसके कोड़े खाने से हम लोग चंगे हो जाएँ।

6 हम तो सबके सब भेड़ों के समान भटक गए थे; हम में से हर एक ने अपना-अपना मार्ग लिया; और यहोवा ने हम सभी के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।  






3.व्यवस्थापूर्ण होने की 
प्रार्थना

 

हे धन्य पिता,

जब आपका पुत्र यीशु जानता था कि उसका समय आ पहुंचा है कि अब वह इस संसार से कूच करके आपके पास स्वर्ग में लोट जाए, तो उसने अपने शिष्यों से प्रेम किया, जो इस दुनिया में थे और आपने भी अंत तक उनसे प्रेम किया।

प्रभु भोज के दौरान शैतान ने यहूदा के मन में डाला कि वह यीशु मसीह के साथ विश्वासघात करे, परन्तु फिर भी आपने अपने पुत्र को मौत का अनुभव करने दिया, ताकि वह मरे हुओ में से जी उठे और व्यवस्था के विधान को पूरा कर सके और हम इंसानों को अनंत दंड से बचा सके!

हे पिता हम मनुष्यों से इतना गहरा प्रेम करने के लिए आपका धन्यवाद।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(लूका 24:30-32)

30 जब वह उनके साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी लेकर धन्यवाद किया, और उसे तोड़कर उनको देने लगा।

31 तब उनकी आँखें खुल गईं; और उन्होंने उसे पहचान लिया, और वह उनकी आँखों से छिप गया।

32 उन्होंने आपस में कहा, “जब वह मार्ग में हम से बातें करता था, और पवित्रशास्त्र का अर्थ हमें समझाता था, तो क्या हमारे मन में उत्तेजना न उत्पन्न हुई?”





4.श्रद्दामय मन से प्रार्थना

 

हे प्रभु,

इस खास घडी के लिए हम आपका धन्यवाद करते है। हम अपने मनो में श्रद्दा भरकर यहाँ इक्कठा हुए है।

हम प्रेरितों की शिक्षा पाने और स्तुति में एक होने, प्रभुभोज में शामिल होने और प्रार्थना करने के लिए स्वयं को समर्पित करते है।

हे प्रभु, हम आपके वचन के अनुसार आपकी देह और आपके लहू में शामिल होते है। हम इस सच की सराहना करते है कि हमें आपके दुवारा जीवन मिला है और ऐसा सिर्फ आपके निस्वार्थ बलिदान से ही संभव हो पाया है।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(1 कुरंथियो 10: 16-17)

16 वह धन्यवाद का कटोरा, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं, क्या वह मसीह के लहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या मसीह की देह की सहभागिता नहीं?

17 इसलिए, कि एक ही रोटी है तो हम भी जो बहुत हैं, एक देह हैं क्योंकि हम सब उसी एक रोटी में भागी होते हैं। 




5.एकता के लिए प्रार्थना

 

हे अति पवित्र परमेश्वर,

हमारी विनती है कि हम प्रतिदिन एक हृदय के साथ चर्च में जुड़े रहे और घर घर रोटी तोड़ते रहे। हमारी प्रार्थना है कि हम सब प्रभुभोज के मौके पर आपके उस बलिदान पर मनन करते रहे, जो आपने हमारे लिए किया।

हम अपने दिलो में प्रसंन्सा के साथ यहाँ जमा हुए है और आपने जो कुछ भी हमारे लिए किया है उसके लिए आपकी स्तुति करते है। हम आपका धन्यवाद करते है क्योकि आपने हम से बहुत प्रेम किया है और आपने अपना एकलौता पुत्र बलिदान के लिए दे दिया।

प्रभु यीशु के नाम में मांगते है। आमीन!

 

(मरकुस 14: 22-25)

22 और जब वे खा ही रहे थे तो उसने रोटी ली, और आशीष माँगकर तोड़ी, और उन्हें दी, और कहा, “लो, यह मेरी देह है।

23 फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें दिया; और उन सब ने उसमें से पीया।

24 और उसने उनसे कहा, “यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिये बहाया जाता है।

25 "मैं तुम से सच कहता हूँ, कि दाख का रस उस दिन तक फिर कभी न पीऊँगा, जब तक परमेश्वर के राज्य में नया न पीऊँ।


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