"He Said, 'I Am a Christian'... And They Shot Him" | Sushil Nathaniel
🌄 पहलगाम की वादियों में मातम: एक यात्रा जो कभी पूरी न हो सकी...
22 अप्रैल 2025 की सुबह, जब पहलगाम की वादियाँ वसंत की ठंडी हवाओं से महक रही थीं, किसी ने नहीं सोचा था कि वही धरती कुछ ही घंटों में इंसानियत की सबसे भयावह तस्वीर देखेगी। आतंक की इस काली परछाईं ने 26 मासूम जिंदगियों को निगल लिया — जिनमें एक नाम था: सुशील नाथनिएल।
✝️ एक आस्था, एक इंसान — और एक सवाल...
सुशील नाथनिएल, इंदौर के रहने वाले और एलआईसी के शाखा प्रबंधक, अपने परिवार के साथ पहलगाम की खूबसूरती का आनंद लेने निकले थे। लेकिन आतंकियों की नफ़रत ने उनका रास्ता रोक लिया। बताया जाता है कि हमले के दौरान उन्हें ज़बरन कलमा पढ़ने के लिए कहा गया। सुशील ने शांत स्वर में कहा, “मैं क्रिश्चियन हूँ।” और बस, उसी क्षण बंदूक से निकली एक गोली ने एक पिता, एक पति, और एक नागरिक की जिंदगी छीन ली।
उनकी बेटी आकांक्षा भी इस हमले में घायल हुईं। परिवार की चीखें अब केवल यादों में गूंज रही हैं।
📞 "भाई, सुशील अब नहीं रहा..."
सुशील के भाई विकास ने बताया कि उन्हें रात 9:30 बजे फोन आया — सुशील के बेटे ऑस्टिन का फोन। दूसरी तरफ सिर्फ़ सन्नाटा था... और एक खबर जो पूरे परिवार को तोड़ने वाली थी।
🇮🇳 एक राष्ट्र का रोष, एक सरकार की कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की तीव्र निंदा की और कड़े कदमों की घोषणा की:
-
पाकिस्तान के साथ एक मुख्य भूमि सीमा बंद
-
सिंधु जल संधि निलंबित
-
पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा छूट योजना रद्द
🌍 दुनिया ने भी जताया दुख और समर्थन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, और यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस — सबने इस हमले की आलोचना की और भारत के साथ एकजुटता जताई।
🔍 जवाब की तलाश में भारत
भारतीय सुरक्षा बल सक्रिय हो चुके हैं। तीन संदिग्धों की पहचान हुई है — जिनमें से दो पाकिस्तानी नागरिक हैं। सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
🕯️ एक पिता जो लौटकर नहीं आएगा...
सुशील नाथनिएल की कहानी महज़ एक दुखद समाचार नहीं है, यह एक सवाल है हम सबके सामने — क्या अब भी हमारी धार्मिक पहचान हमारी जान से बड़ी है? क्या सुकून की एक यात्रा भी अब सुरक्षित नहीं?
हम सब सुशील जैसे हज़ारों भारतीयों के लिए न्याय की उम्मीद करते हैं। और तब तक, पहलगाम की हवाएं, हर एक शहीद की याद में सिसकती रहेंगी...
हर धर्म के उन सभी भाई बहनों के लिए शांति की प्रार्थना हम सब मिलकर करे - अमीन
"जो ज़मीन कभी जन्नत कहलाती थी, आज वहाँ इंसानियत रो रही है..."